Khalbali Records Review: म्यूजिक इंडस्ट्री के काले सच को दिखाती है खलबली रिकॉर्ड्स लेकिन एक चीज ने कर दिया मजा किरकिरा
Khalbali Records Review: राम कपूर की नई सीरीज खलबली रिकॉर्ड्स जियो सिनेमा पर स्ट्रीम हो रही है. आइए जानते हैं कैसी है ये सीरीज.
Khalbali Records Review: म्यूजिक इंडस्ट्री को लेकर तमाम तरह के विवाद होते रहते हैं. कभी सिंगर्स की आपसी लड़ाई, कभी म्यूजिक लेबल और सिंगर की लड़ाई, कभी म्यूजिक लेबल्स की आपसी लड़ाई, ये सब हम अक्सर पढ़ते हैं लेकिन जियो सिनेमा की ये वेब सीरीज इन सारी चीजों को दिखाती है. सारा काला और सफेद दिखाती है, सारी राजनीति दिखाती है लेकिन कुछ ज्यादा ही दिखा देती है और यही इसकी कमी है.
कहानी
एक बड़े म्यूजिक लेबल के साथ जुड़े एक पॉपलुर सिंगर को एक कॉन्सर्ट के दौरान गोली मार दी जाती है, फिर उस सिंगर का दोस्त और उस बड़े म्यूजिक लेबल के मालिक राम कपूर का बेटा अपने पिता की कंपनी छोड़कर एक नया म्यूजिक लेबल बनाने की ठानता है जिसका नाम है खलबली रिकॉर्ड्स. उसके सामने क्या दिक्कतें आती हैं, उसके साथ क्या सजिशें होती हैं, कैसे बड़े म्यूजिक लेबल उसका हौसला तोड़ने की कोशिश करते हैं और इन सबके दौरान म्यूजिक इंडस्ट्री के कौन कौनसे सच सामने आते हैं, यही इस वेब सीरीज में डिटेल में दिखाया गया है.
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कैसी है वेब सीरीज?
म्यूजिक इंडस्ट्री को करीब से जानना चाहते हैं तो ये वेब सीरीज देखकर मजा आएगा. जो कुछ आपने सुना होगा ये उसे और डिटेल में दिखाती है, कुछ चीजें आपको हैरान भी करती हैं कि ऐसा भी होता है और कुछ चीजें आपको समझ में आती हैं कि ये इंडस्ट्री कैसे काम करती है. लेकिन इस सीरीज की लंबाई मजा किरकिरा कर देती है, 8 एपिसोड झेले नहीं जाते, एक एपिसोड लगभग 40 मिनट का है और यही इस सीरीज की सबसे बड़ी कमी है.
बहुत सारे गाने आते हैं बीच में, अमित त्रिवेदी ने वो गाने बनाए हैं लेकिन कहीं भी कोई गाना आपको खुद से जोड़ नहीं पाता. आराम से इसे छोटा किया जा सकता था और अगर इसे 5 एपिसोड में बना दिया जाता तो ये एक शानदार सीरीज बनती क्योंकि एक वक्त के बाद आपकी दिलचस्पी खत्म हो जाती है, लेकिन अगर म्यूजिक इंडस्ट्री के बाने में जानना चाहते हैं तो ये सीरीज देख सकते हैं.
एक्टिंग
राम कपूर ने अच्छी एक्टिंग की है, वो इस तरह के किरदार पहले भी कर चुके हैं. एक अमीर बिजनेसमैन तो उनके लिए ये कोई नया नहीं है और वो इसमें सूट करते हैं. राम कपूर की मौजूदगी ही इस सीरीज को बड़ा बनाती है. स्कंद ठाकुर का काम अच्छा है, वो अपने कैरेक्टर को अच्छे से निभाते हैं. सलोनी खन्ना ने अच्छा काम किया है. सलोनी बत्रा का काम भी अच्छा है, लेकिन फिर भी कोई ऐसा किरदार सामने नहीं आता जो आपको बहुत ज्यादा इम्प्रेस कर दे कि भाई क्या कमाल ही कर दिया.
डायरेक्शन
देवांशू सिंह का डायरेक्शन एवरेज है, वो इमोशन में बहकर शायद सीरीज को लंबा खींच गए, कुछ सीन काफी बोरिंग लगते हैं और ये समझने की जरूरत है कि ओटीटी पर दर्शक एक क्लिक में दूसरे कंटेट पर चला जाता है. इसलिए अगर आप 8 एपिसोड बना रहे हैं तो आपको काफी दिलचस्प कंटेट क्रिएट करना होगा.
कुल मिलाकर म्यूजिक इंडस्ट्री के बारे में जानना चाहते हैं तो देख सकते हैं
रेटिंग- 2.5 स्टार्स
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