Mirzapur Season 3 Trailer Review: ठीक 2 मिनट 37 सेकेंड का देसी 'गेम ऑफ थ्रोन्स' का ट्रेलर रिलीज हो चुका है. पूर्वांचल के एक शहर को बैकग्राउंड में रखते हुए फरहान अख्तर और रितेश सिधवानी 'मिर्जापुर' नाम की जिस भौकाली सीरीज की शुरुआत की साल 2018 में की थी, उसकी तीसरी किस्त 5 जुलाई को आने वाली है.


इस ट्रेलर को देख ही लिया होगा आपने. अब जानने की कोशिश करते हैं कि ये ट्रेलर किन मामलों में खास है. और इस ट्रेलर से सीरीज की आने वाली किस्त के बेहतर से बेहतरीन होनी की उम्मीदें कितनी हैं.


ट्रेलर दिखाता है देसी 'गेम ऑफ थ्रोन्स' की झलक



  • ट्रेलर देखते ही एचबीओ की दुनियाभर में सबसे ज्यादा देखने वाली सीरीज 'गेम ऑफ थ्रोन्स' की झलक दिखती है. अगर आपने वो सीरीज देखी है तो आप इसे उससे कनेक्ट कर पाएंगे, लेकिन अगर नहीं देखी है तो हम बता देते हैं क्यों ये ट्रेलर एचबीओ सीरीज की याद दिलाता है.

  • ट्रेलर में कई ऐसे सीन हैं, जहां एक-दूसरे पर हावी होते किरदार दिखाई दिए हैं. कमजोर को खत्म करके ताकतवर के राज करने की कोशिशें दिखी हैं. ट्रेलर की शुरुआत में ही गुड्डू भइया का डायलॉग- कालीन भइया गॉन, गुड्डू भइया ऑन' से ये बात क्लियर भी हो जाती है.




  • इसके बाद अगले ही सीन में गुड्डू भइया को हथौड़ा लेकर कालीन भइया का वो पुतला तोड़ते देखा जाता है, जो त्रिपाठी चौक में लगा हुआ है. ये सीन 'गेम ऑफ थ्रोन्स' नेड स्टार्क की गर्दन काटने से लेकर 'बे ऑफ स्लेव्स' नाम के शहर में उस मास्टर की प्रतिमा को गिराने वाले सीन की याद दिलाता है, जो खलीसी अपने सैनिकों से कहकर तुड़वाती नजर आती है. और इसके बाद उस शहर में टार्गेरियन्स का राज हो जाता है.

  • ट्रेलर में एक डायलॉग और है, जिसमें शरद शुक्ला नाम का कैरेक्टर बोलता है- 'मिर्जापुर में पावर हमेशा गद्दी की रही है और मुकाबला दावेदारों का. खेल आज भी वही है बस मोहरे बदल गए हैं.' यहां से तस्वीर और साफ हो जाती है कि यहां भी गद्दी की ही लड़ाई है, जिस पर पूरा का पूरा गेम ऑफ थ्रोन्स आधारित है.

  • इसके अलावा एक और खास बात जैसे गेम ऑफ थ्रोन्स में हर सीजन के आखिर तक कोई ऐसा कैरेक्टर मार दिया जाता था, जिसे दर्शक प्यार करने लग जाते थे, बिल्कुल इस सीरीज में भी वही करते हुए दिखाया गया है. जैसे पहले सीजन में गुड्डू पंडित के बड़े भाई (विक्रांत मैसी) और फिर दूसरे सीजन में मुन्ना भइया (दिव्येंदु) की मौत मिर्जापुर और गेम ऑफ थ्रोन्स में सिमिलर है.


ट्रेलर में दिखाए गए एक्शन 'द बॉयज' जैसा फील दे रहे
मिर्जापुर के पहले के दोनों सीजन में खून-खराबे की कोई कमी नहीं रही है. एक्शन सीन पूरी तरह से रियलिस्टिक और रॉ थे और खून की नदियां बहती दिखी हैं. लेकिन इस बार मेकर्स ने पिछली बार से भी कुछ कदम आगे लेते हुए उन्हें और भयानक बना दिया है.


पूरे ट्रेलर में बात-बात में गोलियां चलती दिख रही हैं, वो पहले भी दिख चुकी हैं. लेकिन कुछ सीन जहां हैंड टू हैंड फाइट दिख रही है वो रूह कंपा देने की क्षमता रखती है. एक सीन में किसी का सिर सलाखों से लड़ाते हुए गुड्डू भइया दिखते हैं और किसी का सिर दो थालियों के बीच रखकर फोड़ते हुए भी दिखते हैं. जिसे देखकर अमेजन प्राइम के ही शो एंटी सुपरहीरो शो 'द बॉयज' की याद आती है.


डायलॉग्स में किया गया है भरपूर काम
ट्रेलर में दिखा हर एक छोटा-छोटा सा भी डायलॉग देखकर उम्मीद लगाई जा सकती है कि अगर सीरीज में भी हर सीन ऐसे ही डायलॉग्स से भरा हुआ रहेगा, तो मान लीजिए कि कोई भी रिव्यूवर इसके किसी भी सीन को जबर्दस्ती का या उबाऊ नहीं कह पाएगा.




लगभग ढाई मिनट का ट्रेलर दिखाता है कूटनीति की झलक
सीरीज में हर किरदार कूटनीति करता हुआ नजर आ रहा है.  गुड्डू पंडित से लेकर विजय वर्मा के कैरेक्टर तक और शरद के कैरेक्टर से लेकर मुन्ना भैया की वाइफ वाले कैरेक्टर तक, सब गद्दी के पीछे अपने-अपने तरीकों से लगे हुए हैं. 


ट्रेलर में एक सीन बीना भाभी का भी दिखता है, जो गुड्डू पंडित के माथे पर किस करते हुए उसे भड़काने वाला डायलॉग बोलती नजर आती हैं. बीना भाभी का कैरेक्टर पिछली दो सीरीज में जिस तरह से उभरकर सामने आया है उसे देखकर लग रहा है कि उनका कैरेक्टर और दमदार होने वाला है. वो शायद किसी किंगमेकर का काम कर सकती है या फिर खुद के सर्वाइवल के लिए आग को और भड़का सकती हैं.


हर एक्टर का परफॉर्मेंस दिख गया है छोटे से ट्रेलर में
इस छोटे से ही ट्रेलर में अली फजल, विजय वर्मा, रसिका दुग्गल, अंजुम शर्मा से लेकर श्वेता त्रिपाठी और राजेश तैलंग की बढ़िया अदायगी दिख रही है. लेकिन पूरे ट्रेलर में कुछ सेकेंड की एक छोटी सी झलक के साथ पंकज त्रिपाठी वजन वाले कैरेक्टर के साथ आते हैं, तो मजा आ जाता है.


आखिर में बैकग्राउंड म्यूजिक और पंकज त्रिपाठी की एंट्री
आखिर में मिर्जापुर के सिग्नेचर ट्यून के साथ पंकज त्रिपाठी की पीठ दिखती है और वो कुर्सी की तरफ बढ़ते दिखते हैं. कुछ शायद 10 सेकेंड के ही इस सीन में वो सब कुछ है जो पूरे ट्रेलर में मिसिंग लग रहा था. पंकज त्रिपाठी की एंट्री गूजबंप्स देने का काम करती है. अगर यूं कहें कि पंकज की एंट्री ही इस पूरे ट्रेलर का बज क्रिएट करने वाला सबसे अहम पॉइंट है, तो गलत नहीं होगा.


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