घिनौनी वारदातों की साक्षी और कइयों को लील चुकी ‘मिर्जापुर’ की त्रिपाठी कोठी असल में कहां है?
Mirzapur Web Series Shooting Location: मिर्जापुर वेब सीरीज इस समय काफी चर्चा में है. इस सीरीज में दिखाई गई त्रिपाठी कोठी मिर्जापुर में दिखाई गई है, लेकिन असल में यह कहां है चलिए बताते हैं.
Mirzapur Web Series Shooting Location: मिर्जापुर वेब सीरीज रिलीज हो चुकी है. बहुत से लोगों को यह सीरीज बकवास लगी तो वहीं कुछ लोग को पसंद आ रही है. खैर यहां हम आपको वेब सीरीज का रिव्यू देने नहीं बल्कि कुछ और बताने आए हैं. हम आपको बता रहे हैं कि आखिर जिस वेब सीरीज को देखने के बाद आप अपना सिर फोड़ रहे हैं, उसमें एक चीज कॉमन है और वह है त्रिपाठियों की कोठी.
वही कोठी जिसमें वहशीपन और दरिंदगी की सारी हदें पार की गई हैं. वही कोठी जो कइयों को लील चुकी है और आगे आने वाले सीजन में भी शायद बहुतों को लील जाएगी. तो चलिए बताते हैं कि आखिर त्रिपाठियों की कोठी कहां स्थित है.
कहां स्थित है त्रिपाठियों की कोठी
त्रिपाठियों की हरी वाली कोठी की बात करें तो वह हरी सी सुंदर सी दिखने वाली कोठी जिसके सामने खूबसूरत सा गार्डेन है. वैसे तो इस कोठी को मिर्जापुर में दिखाया गया है, लेकिन असल में यह हरी सी दिखने वाली कोठी प्रयागराज से करीब 94 किलोमीटर दूर पड़ता है बनारस वहां यह कोठी स्थित है. इस कोठी का असली नाम है मोती झील महल या अजमतगढ़ पैलेस.
कितनी पुरानी है कोठी
इस महल का इतिहास करीब 100 साल से भी ज्यादा पुराना है. इसे यहां के जमींदार राजा मोती चंद ने बनवाया था. इस महल को बनने में करीब चार साल का वक्त लगा था. साल 1904 से 1908 में इसका निर्माण कराया गया था. अजमतगढ़, आजमगढ़ का एक छोटा सा गांव है. इस कोठी में कभी राजा मोती चंद का परिवार रहा करता था. हालांकि अब तो यह किसी की निजी प्रॉपर्टी है, जिसमें मिर्जापुर समेत कई फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है.
राजा ने मगरमच्छ को कोठी के बाहर क्यों टंगवाया?
कुछ वक्त पहले इस कोठी के बाहर एक मगरमच्छ टंगा दिखाई पड़ता था. इस मगरमच्छ के बारे में कहानी है कि इसने एक समय पर इसी महल की रानी को निगल लिया था. इसके बाद महल के राजा ने उस मगरमच्छ को बीच से फड़वा कर उसमें भूसा भरकर मेन दरवाजे के बाहर टांग दिया था. हालांकि इन कहानियों में कितनी सच्चाई है पता नहीं.