Jitendra Kumar Struggle Days: ओटीटी प्लेटफॉर्म ने कई लोगों को स्टार बनाया है. उन्हें ऐसी पहचान दिलाई है कि वो लोगों के बीच इतने फेमस हो गए हैं कि लोग उन्हें उनके असली नाम से नहीं बल्कि शो के नाम से जानते हैं. इस लिस्ट पंचायत के सचिव जी जितेंद्र कुमार भी शामिल हैं. जितेंद्र ने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर इतना काम किया है कि वो सबके फेवरेट बन गए हैं. जितेंद्र अब जितने बड़े स्टार बन चुके हैं मगर उन्होंने अपनी पर्सनल लाइफ में बहुत स्ट्रगल किया है. वो बचपन में झोपड़ी में भी रहे हैं. उन्होंने अपने स्ट्रगल के बारे में एक इंटरव्यू में बताया था. उन्होंने कहा था कि वो बचपन में झोपड़ी में रहे हैं.
जितेंद्र ने साइरस ब्रोचा को दिए इंटरव्यू में अपनी लाइफ के इस फेज के बारे में बात की थी. जब जीतू भैया से उनके पहले घर के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा- उनका जन्म अलवर के खैरताल में हुआ है. जहां वो जंगल में झोपड़ी में रहते थे.
जंगल में झोपड़ी में रहते थे
जितेंद्र ने कहा- हमारी जंगल में एक झोपड़ी थी. हमारी ज्वाइंट फैमिली उसमें रहती थी. हमारा एक पक्का मकान और एक झोपड़ी थी. मुझे थोड़ा बहुत याद है कि वहां पर सोना और अजीब महसूस होना. मेरे पापा और अंकल सिविल इंजीनियर हैं तो उन्होंने बहुत जल्दी 2 कमरे बनवा दिए थे तो हम 6-7 महीने तक झोपड़ी में रहे उसके बाद ही कमरे बनना शुरू हुआ.
दिहाड़ी पर काम करते थे जीतू भैया
जितेंद्र ने आगे कहा- अपनी गर्मियों की छुट्टियों के दौरान मैं अंडरकंस्ट्रक्शन घरों पर काम करने वाले पेंटरों और कारपेंटर के साथ दिहाड़ी मजदूरी का काम करता था, जिससे उसके पिता को बहुत चिढ़ होती थी, क्योंकि उनका मानना था कि 11 साल की उम्र पैसे के लिए काम करने की कोई उम्र नहीं है. मुझे इसके लिए 40 रुपये प्रति दिन मिलते थे. जब मेरे पिताजी को इस बारे में पता चला तो वो मुझे बहुत डांटते थे.
बता दें जितेंद्र कुमार टीवीएफ पिचर्स में जीतू, कोटा फैक्टरी में जीतू भैया और पंचायत में सचिवजी का किरदार निभाकर फेमस हुए हैं. उन्होंने कई फिल्मों में भी काम किया है.