बात आज एक ऐसे सिंगर की जिसके गाने 90 के दशक में टूटे दिल वालों के लिए मरहम का काम किया करते थे. करीबी 50 हज़ार गाने गाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाने वाले यह सिंगर हैं अताउल्लाह खान, जिनका जन्म पाकिस्तान में हुआ था. अताउल्लाह के गाए गाने , ‘अच्छा सिला दिया तूने मेरे प्यार का’ ‘दिल तोड़ के हंसती हो मेरा वफाएं मेरी याद करोगी’ 'मुझको दफनाकर जब वो वापस जाएंगे, साथ रकीबों के वो जश्न मनाएंगे',‘इश्क में हम क्या बताएं किस तरह चोट खाए हुए हैं’ आज भी आशिकी में चोट खाए लोगों का नेशनल एंथम है.
अताउल्लाह के सिंगर बनने की कहानी भी बड़ी रोचक है. दरअसल, बचपन से ही अताउल्लाह को गायकी का शौक था लेकिन उनके पिता इसके सख्त खिलाफ थे. यहां तक की अताउल्लाह को गाना गाते देख एक बार उनके पिता ने उन्हें घर से बाहर ही निकाल दिया था. कहा जाता है कि अताउल्लाह के पिता का उनके ऊपर इतना खौफ था कि जब हज पर जाते उस दौरान वह सिंगिंग की प्रैक्टिस किया करते थे.
ख़बरों की मानें तो सिंगिंग के अपने पैशन को जीने के लिए अताउल्लाह खान ने महज 18 साल की उम्र में घर छोड़ दिया था. धीरे-धीरे अताउल्लाह खान की प्रसिद्धि पाकिस्तान में बढ़ती चली गई और महज 21 - 22 साल की उम्र में वह पाकिस्तान का जाना माना नाम हो चुके थे.
वहीं, अताउल्लाह खान की आवाज़ को भारत लाने का श्रेय गुलशन कुमार को जाता है. सन 1992 में आए अताउल्लाह के एल्बम ‘बेदर्दी से प्यार का’ ने भारत में धूम मचा दी थी. वहीं, इस एल्बम के तीन साल बाद गुलशन कुमार ने अपने भाई किशन कुमार को लेकर एक फिल्म ‘बेवफा सनम’ बनाई थी जिसके गाने भारत में ज़बरदस्त हिट साबित हुए थे. आपको बता दें कि इस फिल्म में अताउल्लाह खान के गाए गानों को ही लिया गया था और इन्हीं में से एक गाने ‘अच्छा सिला दिया तूने मेरे प्यार का’ को गाकर सोनू निगम बॉलीवुड में रातों-रात सुपरस्टार बन गए थे.