आखिर कहां गायब हो गई 'पापा कहते हैं' की एक्ट्रेस, खूबसूरती में बड़ी-बड़ी एक्ट्रेस को देती थीं मात
पापा कहते हैं फिल्म में अपनी मासूमियत और खूबसूरती से लोगों का दिल जीतने वाली एक्ट्रेस मयूरी कांगो ने बहुत कम समय में ही बॉलीवुड इंडस्ट्री को अलविदा कह दिया.
साल 1995 में एक फिल्म रिलीज हुई थी जिसका नाम था नसीम. इस फिल्म में बाबरी मस्जिद विध्वंस के दौरान घटी घटनाओं को दिखाया गया था. इस फिल्म में लोगों ने 15 साल की एक मुस्लिम लड़की के कैरेक्टर को खूब सराहा था. क्या आप जानते हैं 15 साल की उस मुस्लिम लड़की की भूमिका किसने निभाई थी? मयूरी कांगो ने... हालांकि उन्हें इस फिल्म से उतनी लोकप्रियता नहीं मिल पाई. लेकिन उसके अगले साल ही 1996 में उनकी फिल्म पापा कहते हैं रिलीज हुई, जिसको दर्शकों ने खूब पसंद किया. मयूरी की मासूमियत और खूबसूरती तो इस फिल्म को देखने के बाद लोगों के दिलों पर छा गई थी. मयूरी ने इतनी पॉपुलैरिटी मिलने के बाद भी गिनी-चुनी फिल्मों में ही काम किया, इस लिस्ट में बेताबी, होगी प्यार की जीत, कुरबां और बादल जैसी फिल्में शामिल हैं.
एक्ट्रेस का फिल्मी करियर कुछ खास नहीं रहा. 17 साल की उम्र में मयूरी ने इंडस्ट्री में एंट्री ली थी. अपने करियर के बारे में बात करते हुए मयूरी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वो फिल्मों में नहीं आना चाहती थीं. दरअसल, मयूरी की मां बहुत ही नामी थिएटर कलाकार थीं उस वक्त. मयूरी को अपनी मां से ही एक्टिंग के गुण मिले थे, जिसे आजमाने के लिए वो इंडस्ट्री में आईं, लेकिन असफल रहीं. मयूरी ने इस बारे में बात करते हुए आगे कहा था कि एक्टिंग करियर को आगे बढ़ाने के लिए उनकी मां मुंबई गई थीं. उस दौरान उनके साथ मयूरी नहीं रहा करती थीं. वैसे मयूरी महाराष्ट्र के औरंगाबाद की रहने वाली हैं. अपनी स्कूली शिक्षा भी एक्ट्रेस ने वहीं से हासिल की थी. ऐसे में मयूरी एक बार अपनी मां से मिलने मुंबई पहुंच गईं.
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उस दौरान मयूरी 12वीं क्लास में पढ़ा करती थीं. मयूरी मुंबई सिर्फ इस मकसद से आई थीं कि वो अपनी मां से मिलेंगी और लिंकन रोड पर स्थित दुकान से जूते दिलवाने के लिए करेंगी. उनकी मां इस दौरान उन्हें शूट पर लेकर गईं, इस दौरान उन्हें एक फिल्म की स्क्रिप्ट पढ़ने के लिए दी गई थी. ये फिल्म थी नसीम. जब फिल्म के निर्देशक सयैद अख्तर मिर्जा ने मयूरी को देखा था तो उन्हें देखते ही कहा- मुझे एक्ट्रेस मिल गई. इसके लिए मयूरी ने मना कर दिया. निर्देशक से मयूरी ने कहा कि मुझे इंजीनियर बनना है, मुझसे ये सब नहीं होगा. मयूरी ने आगे बात करते हुए कहा कि मैंने काफी सोचा इसके बारे में, फिर फैसला लिया कि सिर्फ इसी एक फिल्म में काम करूंगी और इसके बाद अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करेंगी.
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लोगों को ये फिल्म काफी पसंद भी आई. मयूरी ने 12वीं बोर्ड की परीक्षा दी, तभी महेश भट्ट ने उन्हें पापा कहते हैं फिल्म में लीड रोल ऑफर कर दिया. तब इंजीनियरिंग छोड़ मयूरी ने बॉलीवुड में कदम रखने का फैसला ले लिया. मयूरी ने फिल्म इंडस्ट्री में करीब 10 सालों तक काम किया, उन्हें इस दौरान काफी पॉपुलैरिटी भी मिली. हालांकि वो खुद को इस करियर में संतुष्ट नहीं पा रही थीं. ऐसे में उन्होंने बॉलीवुड छोड़ने का फैसला ले लिया. 2005 में उसके बाद मयूरी एमबीए करने के लिए न्यूयॉर्क चली गईं और अपनी पढ़ाई पूरी की. मयूरी ने पढ़ाई पूरी करने के बाद एसोसिएट मीडिया मैनेजर के रूप में 360i के साथ मार्केटिंग क्षेत्र में काम करना शुरू कर दिया. 8 साल बाद वो भारत वापस आईं और अपने परिवार के संग गुरुग्राम में सेटल हो गईं. अब मयूरी गूगल इंडिया में सीईओ के पद पर कार्यरत हैं.
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