नई दिल्ली: पराठा और रोटी इंटरनेट पर धूम मचा रहा है. दरअसल पराठा पर 18 फीसद GST लगाया गया है, जबकि रोटी पर टैक्स की दर 5 फीसद. ये सब शुरू हुआ कर्नाटक बेंच प्राधिकरण के एक फैसले से. फैसले में प्राधिकरण ने पराठा पर रोटी से ऊंचा जीएसटी लगाने की बात कही थी.
सोशल मीडिया यूजर्स को जैसे ही पराठा पर टैक्स लगने की बात का पता चला, उन्होंने हंसी मजाकवाले मीम शेयर करना शुरू कर दिया. फैसले के बाद सोशल मीडिया पर रोटी और पराठा की चर्चा छिड़ गई. लोगों ने पराठा के लिए न्याय की मांग शुरू कर दी. उसके पक्ष में हैशटैग भी चलाए. ट्विटर यूजर ने रोटी और पराठा के बीच भेदभाव पर सवाल उठाए. उन्होंने अक्षय कुमार की फिल्म का एक मीम बनाकर पूछा ये भेदभाव क्यों?
https://twitter.com/Chaotic_mind999/status/1271326853517635589/photo/1
किसी ने व्यंग्य कसते हुए ट्विटर पर लिखा, "अगर पराठा रोटी नहीं है तो नान पर कितना टैक्स लगना चाहिए?"
https://twitter.com/LiberalBillu/status/1271347329094709248/photo/1
वस्तु और सेवा कर यानी जीएसटी पर दिए हालिया फैसले में Authority for Advance Rulings (AAR) ने कहा कि रेडी टू ईट पराठा को एक ही फूड कैटेगरी जैसे की सादी रोटी में शामिल नहीं किया जा सकता. उसने पराठा पर ऊंचा टैक्स दर लगाए जाने की वकालत की. आदेश में कहा गया कि पराठा पर 18 फीसद GST लगाया जाना चाहिए. जहां तक रोटी की बात है तो इस पर टैक्स की दर 5 फीसद होनी चाहिए.
बेंगलुरु की कंपनी ID फ्रेश फूड्स की याचिका पर फैसला सुनाया गया था. कंपनी रेडी टू फूड सामान के निर्माण और सप्लाई का काम करती है. याचिका में कंपनी ने गेहूं के पराठा और मालाबार पराठा पर 5 फीसद GST लगाने की गुहार लगाई थी. पराठा पर उच्च टैक्स लगाने का तर्क देते हुए आदेश में कहा गया, "पराठा रेडी टू ईट भोजन है यानी आसानी से खाया जानेवाला. मगर खाने से पहले उसे गर्म करने की जरूरत होती है. इसलिए पराठे को चैप्टर 1905 की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता."
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