फिल्म हेराफेरी (Hera Pheri) के ‘बाबू भईया’ हों या ओह माय गॉड के ‘कांजी लालजी मेहता’ , परेश रावल(Paresh Rawal) जब भी बड़े पर्दे पर आए अपनी अलग ही छाप छोड़ गए. आज के इस आर्टिकल में हम आपको बॉलीवुड के इस दिग्गज अभिनेता के बारे में बताएंगे जो बनना तो सिविल इंजीनियर चाहते थे, एक नौकरी पाने के लिए पूरी कोशिश भी की थी लेकिन बन गए धुआंधार एक्टर. जी हां, 30 मई 1950 को मुंबई में जन्मे परेश रावल ने इंडस्ट्री में विलेन से लेकर कॉमेडियन तक के किरदारों में जान फूंकी है. किरदार भी ऐसे जो आज भी लोगों के दिलो दिमाग पर छाए हुए हैं.




आपको फिल्म ‘अंदाज़ अपना अपना’ के परेश रावल याद होंगे, जिन्होंने इस फिल्म में एक विलेन का किरदार निभाया था लेकिन इस विलेन को देखकर डर कम और हंसी ज्यादा आती थी. ऐसा ही कुछ फिल्म ‘हेरा फेरी’ में देखने को मिला जिसमें परेश रावल ने बाबू भईया का एपिक किरदार निभाया था. 80 और 90 के दशक में जहां परेश रावल विलेन बनते थे वहीं आगे आने वाली फिल्मों में उन्होंने दर्शकों को अपनी ज़बरदस्त कॉमेडी से खूब हंसाया था. 




फिल्म वेलकम को ही लें, इस फिल्म में परेश रावल ने ‘घुंघरु सेठ’  के किरदार में जो कॉमेडी की है उसे  देख आप अपनी हंसी नहीं रोक सकेंगे. आपको बता दें कि परेश रावल ने 1979 में मिस इंडिया रहीं स्वरुप संपत से शादी की है. बात यदि करियर फ्रंट की करें तो परेश रवाल फिल्मों के साथ ही पॉलिटिक्स में भी एक्टिव हैं. परेश रावल साल 2014 से 2019 तक अहमदाबाद ईस्ट से भाजपा के सांसद भी रह चुके हैं. परेश रावल की कुछ यादगार फिल्मों में गोलमाल, अंदाज़ अपना अपना, हेराफेरी, वेलकम, संजू, टेबल नंबर 21, दे दना दन, अतिथि तुम कब जाओगे आदि शामिल हैं.


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