बांग्लादेश में SRK की Pathaan की रिलीज का इस एक्टर ने किया विरोध, बोले- 'हिंदी फिल्मों में वल्गर सीन'
Pathaan: दुनिया भर में धमाल मचा रही शाहरुख खान स्टारर 'पठान' अब बांग्लादेश में भी रिलीज होने के लिए तैयार है. हालांकि यहां एक पॉपुलर एक्टर ने फिल्म की रिलीज का विरोध किया है.
Pathaan Release In Bangladesh: बांग्लादेश में शाहरुख खान के फैंस 24 फरवरी को ब्लॉकबस्टर फिल्म 'पठान' की रिलीज का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. वहीं इस रिलीज के बीच एक यहां के एक सीनियर एक्टर के कमेंट ने सोशल मीडिया हलचल बढ़ा दी है. दरअसल डिपजोल नाम के पॉपुलर बांग्लादेशी एक्टर ने दावा किया है कि हिंदी फिल्मों में वल्गर सीन और गाने होते हैं जो बांग्लादेश के कल्चर के लिए ठीक नहीं हैं.
हाल ही में हिंदी फिल्मों की रिलीज को दी गई थी हरी झंड़ी
बता दें कि काफी जद्दोजहद के बाद हाल ही में बांग्लादेश के सूचना मंत्रालय ने देश में हिंदी फिल्मों को रिलीज करने की मंजूरी दी थी. फिल्म से जुड़े 19 संगठनों के साथ मंत्रालय के अधिकारियों ने इस बात पर सहमति जताई कि हर साल 10 हिंदी फिल्में बांग्लादेशी सिनेमाघरों में रिलीज की जाएंगी. प्रेस कांफ्रेंस कर इस फैसले को सार्वजनिक भी किया गया था.
हिंदी फिल्में बांग्लादेशी फिल्मों को करेंगी प्रभावित
हालांकि, धालीवुड (बांग्लादेश फिल्म इंडस्ट्री) में सभी को ये फैसला रास नहीं आया और कई लोग इस निर्णय के खिलाफ खड़े नजर आए. उनमें निगेटिव कैरेकटर्स प्ले करने के लिए पॉपुलर बांग्लादेशी एक्टर डिपजोल भी शामिल हैं डिपजोल ने कथित तौर पर मीडिया से बात करते हुए अपना गुस्सा व्यक्त किया और कहा कि बांग्लादेशी फिल्म इंडस्ट्री दर्शकों के हर वर्ग को एंटरटेन करने के लिए क्वालिटी वाली फिल्मों के साथ आने की कोशिश कर रहा है. एक्टर ने दावा किया कि अगर हिंदी फिल्मों को इम्पोर्ट किया जाता है तो उनकी अपनी फिल्में बुरी तरह प्रभावित होंगी.
हिंदी फिल्मों के वल्गर सीन बांग्लादेशी कल्चर के लिए ठीक नहीं
बता दे कि डिपजोल अपनी पांच फिल्मों की रिलीज का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं और इस तरह वह इस बात से खुश नहीं है कि इन सबका उद्योग पर क्या प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने कहा कि हाल ही में कुछ बांग्लादेशी फिल्मों ने सिनेमाघरों में काफी अच्छा प्रदर्शन किया है और इससे थिएटर्स में ऑडियंस की संख्या बढ़ाने में मदद मिली है. उनका दावा है कि बांग्लादेश में दर्शक अपने परिवार के साथ फिल्में देखना पसंद करते हैं जो उनकी परंपरा का प्रतिनिधित्व करती हैं. लेकिन उनका मानना है कि हिंदी सिनेमा की विचारधारा और बांग्लादेशी फिल्म का नेचर मेल नहीं खाता है. क्योंकि हिंदी फिल्मों में कई अश्लील गाने और दृश्य होते हैं जो देश की सामाजिक संस्कृति से मेल नहीं खाते. उनके अनुसार, बांग्लादेश में फिल्में एंटरटेन करने के साथ ही दर्शकों को एक क्लीन और मोरल लेसन भी देती हैं.