प्रियंका चोपड़ा ने बताया था कि, ‘साउथ एशिया में स्किन लाइटनिंग को एंडोर्स करना आम बात है. ये इंडस्ट्री बहुत बड़ी है और इसे हर कोई कर रहा है. जब एक एक्ट्रेस इसे करती है, लेकिन ये गलत बात है. मेरे लिए भी ये करना गलत था. एक छोटी बच्ची जो चेहरे पर टैल्कम पाउडर लगाती थी, क्योंकि मैं विश्वास करती थी कि डार्क स्किन होना अच्छी बात नहीं है.’
आपको बता दें, प्रियंका चोपड़ा ने साल 2015 में काफी कारणों के चलते इस तरह के प्रोडक्ट्स से दूर रहना शुरु कर दिया था. एक इंटरव्यू में प्रियंका चोपड़ा ने बताया था कि मैं इसे लेकर बहुत बुरा महसूस करती थी, इसलिए मैंने फेयरनेस क्रीम का विज्ञापन करना बंद कर दिया. मेरे सारे भाई-बहन गोरे-चिट्टे थे. मैं ही केवल सांवली थी, क्योंकि मेरे पिता सांवले थे. सिर्फ मजे लेने के लिए मेरी पंजाबी फैमिली मुझे काली, काली, काली बुलाते थे. 13 साल की उम्र में मैं फेयरनेस क्रीम लगाना चाहती थी और चाहती थी कि मेरा सांवलापन दूर हो जाए.’ इस किस्से को शेयर करते हुए उन्होंने ये भी बताया कि मैं ये सब नहीं करना चाहती थी तो मैंने बंद कर दिया.