अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा जोनास ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने कभी भी अपने काम को अपनी पहचान को परिभाषित नहीं करने दिया, जिसके चलते उन्हें कई चीजें करने का मोका मिला. अभिनेता-निर्माता शोभा डे के साथ चल रहे जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में अपनी किताब ‘अनफिनिश्ड’ पर एक सत्र में बातचीत के दौरान यह बात कही.
चोपड़ा जोनास ने कहा कि उनकी पुस्तक के 11 अध्याय इस बात को बताते हैं कि वह कौन थीं. “मैं अपने काम से कभी परिभाषित नहीं हुई, यही वजह है कि मेरे पास कई काम करने की क्षमता है. मुझे कभी विश्वास नहीं हुआ कि अगर मेरी अगली फिल्म अच्छा नहीं करती है, या अगर मुझे किसी फिल्म में प्रमुख हिस्सा नहीं मिलता है, तो मेरा करियर खत्म हो जाएगा. मैंने कभी ऐसा महसूस नहीं किया. मुझे इस आत्मविश्वास के साथ बड़ा किया गया था कि मैं कुछ भी करने के लिए चुन सकती हूं, जो मैं चाहती हूं.”
फैशन, कामिनी और बाजीराव मस्तानी जैसी फिल्मों के साथ भारत में अपना नाम पहचान बनाने वालीं जमशेदपुर में जन्मी इस स्टार ने कहा कि उनके सभी पेशेवर फैसले उनके खुद के लिए हुए थे.
प्रियंका चोपड़ा ने कहा, “मेरा करियर कभी भी मेरे सह-अभिनेताओं पर निर्भर नहीं रहा है. मुझे अपने करियर को आगे बढ़ाने के लिए किसी खास हीरो या किसी खास आदमी के साथ फिल्म करने की कभी जरूरत नहीं पड़ी. मैंने कई तरह की फिल्में चुनी हैं, विभिन्न प्रकार के रोल - बड़े रोल, छोटे रोल, बड़े निर्देशक, छोटे निर्देशक, इंडी फिल्में, नॉन जॉनर फिल्में.”
प्रियंका चोपड़ा का यह भी कहना है कि जब उन्होंने फिल्मी दुनिया में कदम रखा था उसके बाद से अब तक महिला कलाकारों को लेकर इंडस्ट्री का रवैया बदल गया है. उन्होंने कहा, “मेरे दौर की लड़कियां बड़ा बदलाव लेकर आईं. अब आप इन लीडिंग लेडीज को भी देख रहे हैं जो शादीशुदा हैं, अपने को-स्टार की उम्र जितनी ही उनकी उम्र हैं. महिलाएं अब प्रोड्यूसर भी हैं और अपना खुद का कंटेंट बना रही हैं. ”
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