अमिताभ और जया बच्चन की इस फिल्म ने भारत में नहीं विदेश में दिखाया कमाल, फिल्म के बाद सुपरस्टार्स ने रचा ली थी शादी
सदी के महानायक अमिताभ बच्चन और जया बच्चन की फिल्म 'अभिमान', दर्शकों को बेहद पसंद आई थी. ऋषिकेश मुखर्जी के निर्देशन का जादू इस फिल्म में भी खूब देखने को मिली
सदी के महानायक अमिताभ बच्चन और जया बच्चन की फिल्म 'अभिमान', दर्शकों को बेहद पसंद आई थी. ऋषिकेश मुखर्जी के निर्देशन का जादू इस फिल्म में भी खूब देखने को मिला. ये वो वक्त था जब जया और अमिताभ एक-दूसरे के प्यार में थे और इस फिल्म की रिलीज के बाद ही दोनों ने शादी भी कर ली थी. इस फिल्म में भारतीय वैवाहिक जीवन को बड़ी ही खूबसूरती से दिखाया गया था, कि कैसे छोटी-छोटी बातें वैवाहिक जीवन में जहर घोल देती हैं.
वैसे जब ये फिल्म बननी शरू हुई तो इसका नाम 'राग रागिनी' तय हुआ था, लेकिन जैसे-जैसे फिल्म की शूटिंग आगे बढ़ती रही तो निर्माता को अहसास हुआ कि इस फिल्म के लिए 'अभिमान' नाम ज्यादा अच्छा रहेगा. वैसे इस फिल्म का आइडिया डायरेक्टर ऋषिकेश मुखर्जी को कहां से मिला, इसे लेकर भी कई तरह की चर्चा हुई. खबरों की मानें तो कुछ लोगों का मानना है कि ये फिल्म मशहूर सितार वादक रवि शंकर और उनकी पत्नी अन्नपूर्णा देवी की असली जिंदगी पर आधारित है. साथ ही ये भी बताया जाता है कि अन्नपूर्णा देवी से मिलने के बाद ही ऋषिकेश मुखर्जी ने इस फिल्म पर काम करना शुरू किया था. वहीं कुछ लोगों का मानना है कि इस फिल्म की कहानी बॉलीवुड के मशहूर सिंगर, एक्टर किशोर कुमार और उनकी पहली पत्नी रूमा घोष के जीवन पर है. हालांकि इस बारे में भी कोई सही तरह से नहीं बता पाया है.
आपको बता दें कि फिल्म 'अभिमान' को अमिताभ बच्चन और जया भादुड़ी ने प्रड्यूस किया था. जब ये फिल्म रिलीज हुई तो बॉक्स ऑफिस पर खास कमाल नहीं कर पाई, जिसकी वजह से उस साल यानि 1973 में रिलीज हुई तमाम फिल्मों की लिस्ट में'अभिमान' का नंबर 20वां था. हालांकि बाद में फिल्म के डिजिटल राइट्स और सैटेलाइट राइट्स करोड़ों में बिके थे जिसकी वजह से अमिताभ और जया को नुकसान नहीं हुआ. साथ ही इस फिल्म का रीमेक तमिल भाषा में भी बना और बताया जाता है कि श्रीलंका में ये फिल्म करीब 85 हफ्ते तक एक ही सिनेमाघर में लगी रही.
वहीं बात करें फिल्म 'अभिमान' के संगीत के बारे में तो एस डी बर्मन ने अमिताभ बच्चन के लिए तीन अलग-अलग सिंगरों से गाने गवाए. 'मीत ना मिला रे मन का' किशोर कुमार ने गाया, मोहम्मद रफी ने 'लूटे कोई मन का नगर' गाया. मनहर उधास ने 'तेरी बिंदिया रे' गाया.