3 नेशनल अवॉर्ड और 11 फिल्मफेयर अवॉर्ड जीतने वाले बॉलीवुड सुपरस्टार राज कपूर ने कई दशकों तक हिंदी सिनेमा पर राज किया. वो पहले ऐसे स्टार थे जिन्होंने ना सिर्फ देश में बल्कि विदेशों में भी फैंस का दिल जीता था. राज कपूर के बाद उनकी एक्टिंग की विरासत को उनके बेटों ने खूब संभाला. उनके तीनों बेटों में से ऋषि कपूर को बॉलीवुड में अपार सफलता मिली. लेकिन रणधीर कपूर और राजीव कपूर को दर्शकों ने उतना पसंद नहीं किया. खासकर राजीव कपूर को. हालांकि राजीव कपूर ने 'हम तो चले परदेस', 'अंगारे', 'जलजला', 'शुक्रिया', जैसी कई फिल्मों में काम किया मगर इन फिल्मों को दर्शकों ने पसंद नहीं किया.



वैसे तो राजीव ने अपने फिल्म करियर की शुरुआत सुपरहिट फिल्म 'राम तेरी गंगा मैली' से थी. लेकिन इस फिल्म में राजीव की अदाकारी से ज्यादा मंदाकिनी के ग्लैमर की चर्चा ज्यादा हुई. मंदाकिनी की बोल्ड सीन्स की वजह से फिल्म उस दौर में खूब चर्चा में रही थी और अगर खबरों की मानें तो फिल्म के हिट की यही वजह थी.


कम ही लोगों जानते थे कि राज कपूर और राजीव कपूर का रिश्ता ज्यादा मज़बूत नही था. पहली फिल्म के बाद से ही राजीव कपूर और पिता राज कपूर के बीच अनबन की खबरें मीडिया में फैलने लगी थीं. बताया जाता है कि राज कपूर की फिल्म 'राम तेरी गंगा मैली' सिर्फ मंदाकिनी के इर्द-गिर्द ही सिमट कर रह गई. इस फिल्म में राजीव के करने के लिए ज्यादा कुछ नहीं था. किसी ने भी राजीव की अदाकारी पर ध्यान नहीं दिया, इसी वजह से फिल्म हिट तो हुई मगर राजीव के करियर को कोई फायदा नहीं पहुंचा, जिसका जिम्मेदार राजीव अपने पिता राज कपूर को मानते थे. खबरों की मानें तो राजीव चाहते थे कि उनके पिता राज कपूर उनके लिए एक और फिल्म बनाएं, जिसमें वो अपनी अदाकारी दिखा सकें. लेकिन राज कपूर ने ऐसा नहीं किया और राजीव को उन्होंने बतौर असिस्टेंट रख लिया.