Ramayan: रामायण भारतीय टेलीविजन इतिहास का सबसे सफल सीरियल माना जाता है. दूरदर्शन पर रामयाण का पहली बार प्रसारण 1987 में हुआ था. टेलीविजन पर आते ही रामयाण ने लोकप्रियता के सारे रिकार्ड तोड़ दिए.


सीरियल से पहले टीवी की पूजा


रामायण का प्रसारण जिस समय होता था, गलियां सूनी हो जाती थीं. कफ्र्यू जैसे हालात सड़क पर दिखाई देते थे. जिन लोगों के घरों में टीवी हुआ करता था वहां आदमियों की भीड़ जमा हो जाती थी. रामायण शुरु होने से पहले कई घरों में टीवी की बाकायदा पूजा तक की जाती थी.


लोग हाथ जोड़कर देखते थे रामायण


रामायण शुरु होते ही लोग हाथ जोड़कर बैठ जाते थे. इस सीरियल को लोग इतनी पवित्रता के साथ के देखते थे जैसे वे साक्षात भगवान के दर्शन कर रहे हैं. कहीं कहीं तो सीरियल शुरू होने से पहले महिलाएं भजन कीर्तन भी किया करती थीं.


रामायण से पहले बनाना पड़ा था विक्रम बेताल


रामायण को लेकर निर्माता डरे हुए थे. वे रामायण को लेकर कोई फैसला नहीं ले पा रहे थे. इस समस्या को देखते हुए निर्माताओं ने विक्रम बेताल सीरियल बनाने का फैसला किया. इस सीरियल में लगभग वहीं सभी कलाकार थे जो रामायण सीरियल में थे. विक्रम बेताल को लोगों ने खूब पसंद किया. इसके बाद रामायण सीरियल प्रसारित किया गया. इस सीरियल में अरुण गोविल राम बनने से पहले विक्रम बेताल सीरियल में राजा विक्रम बने थे.


जब बकरी को बनाया हिरन


रामायण सीरियल से पहले प्रसारित होने वाले विक्रम बेताल का बजट बहुत कम था. इसके एक एपिसोड के सीन में हिरन को दिखाया जाना था. असली हिरन का खर्चा दो हजार रुपये आ रहा था. ऐसे में बजट कम होने के कारण बाद में एक बकरी को हिरन के रंग में रंगकर कैमरे के सामने लाया गया और सीन शूट किया गया.


पाकिस्तान में भी रामायण को पसंद किया गया


रामायण सीरियल को भारत ही नहीं पाकिस्तान में भी खूब पसंद किया जाता था. वहां भी इस सीरियल को देखने वालों की संख्या कम नहीं थी. इस सीरियल को बनाने वाले रामानंद सागर का जन्म लौहार में हुआ था, जो विभाजन के बाद भारत आ गए और फिल्मों में सक्रिय हो गए. रामानंद सागर को लिखने-पढ़ने का बहुत शौक था. फिल्मों में सफल होने से पहले उन्होंने ट्रक क्लीनर और चपरासी का भी काम करना पड़ा.


रामायण देखने के लिए एक घंटा पहले ही टीवी खोल कर बैठ गए प्रकाश जावड़ेकर