बॉलीवुड में अपनी दमदार एक्टिंग से पहचान बनाने वाले एक्टर रणवीर सिंह को हिंदी सिनेमा में 10 साल कंपलीट हो गए हैं. 10 दिसंबर 2010 में आई फिल्म ‘ बैंड बाजा बारात’ से रणवीर सिंह ने हिंदी फिल्मों में डेब्यू किया था. इसके बाद रणवीर ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और अपनी मेहनत के दम पर की बड़े-बड़े सितारों को पीछे छोड़कर बॉलीवुड में खास जगह बना ली. लेकिन रणवीर सिंह के लिए बॉलीवुड में ये शोहरत हासिल करना इतना भी आसान नहीं था. अपने करियर के शुरुआती फेज में उन्हें भी कास्टिंग काउच का सामना करना पड़ा था.
कास्टिंग डायरेक्टर ने रिज्यूमे देखे बिना बुलाया घर पर
एक इंटरव्यू के दौरान रणवीर सिंह ने यह शॉकिंग खुलासा किया था. उन्होंने बताया था कि, “फिल्मों में स्ट्रगलिंग के दिनों में वह एक कास्टिंग डायरेक्टर से मिले थे जिसने उन्हें अपने घर पर बुलाया. रणवीर ने बताया था कि उस कास्टिंग डायरेक्टर ने उनका रिज्यूमे भी नहीं देखा था और कहा था कि तुम स्मार्ट और सेक्सी बनो. ऐसे लोग बहुत आगे जाते हैं. मैं तुम्हे कई ऑफिस में भेजूंगा और तुम्हे कोई छुए तो उस पर एतराज मत उठाना.”
बैंड बाजा बारात के लिए नहीं थे पहली पसंद
वहीं फिल्म ‘बैंड बाजा बारात’ को लेकर रणवीर ने बताया था कि पहले इस फिल्म के लिए रणवीर कपूर को लिया जाना था. लेकिन रणबीर कपूर ने फिल्म करने से मना कर दिया. इधर यशराज फिल्म्स किसी नए चेहरे की तलाश कर रहे थे और इस तरह ये फिल्म उनको मिल गई. बता दें कि फिल्म ‘बैंड बाजा बारात’ में रणवीर सिंह और अनुष्का शर्मा लीड रोल में थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक सीन में झगड़े के दौरान रणवीर सिंह अपने कैरेक्टर में इस कदर घुस गए कि उन्होंने सच में अनुष्का को थप्पड मार दिया था. ये बात और है कि बाद में रणवीर सिंह ने अनुष्का को काफी सॉरी भी बोला था.
फिल्म ‘बैंड बाजा बारात’ ने बदल दी किस्मत
2010 में आई फिल्म ‘बैंड बाजा बाराl’ काफी हिट साबित हुई थी. ये फिल्म रणवीर सिंह के लिए काफी लकी साबित हुई. फिल्म में रणवीर ने बिट्टू सिंह का किरदार निभाया था. इस फिल्म के लिए रणवीर सिंह को बेस्ट मेल डेब्यू का फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला था.
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