फिल्मी पर्दे से लेकर राजनीति की दुनिया में अपनी धाक जमाने वाले मनोरंजन जगत के सफल अभिनेता रवि किशन किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. आज उन्होंने जो मुकाम हासिल किया है उसके लिए उन्होंने खूब स्ट्रगल भी किया है. उन्हें भोजपुरी जगत का टॉप स्टार माना जाता है. लेकिन बहुत कम लोग ऐसे होंगे जिन्होंने उनकी सफलता के पीछे का स्ट्रगल देखा होगा. जी हां, हर मुसीबतों का सामना कर रवि किशन ने अपनी जिंदगी में एक ऐसा वक्त भी देखा था जब बेटी को अस्पताल से लाने के लिए उन्हें अपने खेत तक बेचने पड़ गए थे. 

 

जब रवि किशन फिल्मी पर्दे पर छाने के लिए स्ट्रगल कर रहे थे, उन दिनों उनकी पत्नी और पिता ने उनका खूब हौसला बढ़ाया था. खबरों की माने तो, जब रवि किशन की नन्हीं सी बेटी का जन्म हुआ था, तब अभिनेता उस दौर से गुजर रहे थे जहां उनके पास अपनी बेटी को अस्पताल से घर ले जाने के लिए पैसे तक नहीं थे. जी हां, वह अपनी बेटी और पत्नी को डिस्चार्ज इसलिए नहीं करवा पा रहे थे क्योंकि उनके पास उन्हें घर ले जाने के लिए कुछ भी नहीं था. ऐसे में अपने खेतों को गिरवी रख, दूसरों से कर्ज लेकर वह अस्पताल की फीस चुकाते हुए अपनी नन्ही सी गुड़िया को घर लेकर पहुंचे थे.



रवि किशन बचपन से ही फिल्मी पर्दे की ओर खीचाव महसूस करते थे .अपने एक इंटरव्यू में रवि किशन ने बताया था कि वह रामलीला की सीता बनना खूब पसंद करते थे. लेकिन घरवालों को यह बात  बिल्कुल भी पसंद नहीं आती थी. जिसके चलते घर में उनकी खूब पिटाई हुआ करती थी. अपने इसी जुनून को हकीकत में तब्दील करने के लिए रवि किशन ने घर छोड़ने का फैसला लिया और उनका यह फैसला आज एक ऐसी हकीकत बन गया है, जो सपने जैसा लगता है.