क्यों हिंदी सिनेमा की एक बेमिसाल फ़िल्म 'सदमा' में काम करने से डिंपल कपाड़िया ने किया था इंकार
हिंदी सिनेमा की सबसे बेहतरीन फिल्मों में से एक कमल हासन और श्रीदेवी की फिल्म 'सदमा', का जादू आज भी कायम है. हालांकि जब ये फिल्म रिलीज हुई, उस समय तो लोगों ने इसे पूछा नहीं लेकिन धीरे-धीरे इस फिल्म ने क्लासिक सिनेमा का दर्जा हासिल कर लिया
हिंदी सिनेमा की सबसे बेहतरीन फिल्मों में से एक कमल हासन और श्रीदेवी की फिल्म 'सदमा', का जादू आज भी कायम है. हालांकि जब ये फिल्म रिलीज हुई, उस समय तो लोगों ने इसे पूछा नहीं लेकिन धीरे-धीरे इस फिल्म ने क्लासिक सिनेमा का दर्जा हासिल कर लिया. वैसे तो श्रीदेवी और कमल हासन ने दक्षिण की बहुत सी फिल्मों में साथ काम किया, लेकिन हिंदी सिनेमा में फिल्म 'सदमा' ही इस जोड़ी के सुपरहिट होने की इकलौती वजह बनी.
फिल्म 'सदमा' तमिल और हिंदी दो अलग-अलग भाषाओं में बनी और तमिल और हिंदी दोनों में ही इस फिल्म की नियती अलग-अलग रही. जहां हिंदी में इस फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर लोगों का ज्यादा प्यार नहीं मिला तो वहीं तमिल में ये फिल्म करीब साल भर तक सिनेमाघरों में चलती रही थी.
कम ही लोगों को इस बात का पता है कि फिल्म 'सदमा' के निर्देशक बालू महेंद्रा फिल्म के हिंदी रिमेक के लिए कमल हासन के साथ साउथ की जानी-मानी एक्ट्रेस श्रीप्रिया को कास्ट करना चाहते थे, लेकिन उस वक्त श्रीप्रिया के पास कई फिल्में लाइन में थी जिसकी वजह से उन्होंने ये फिल्म छोड़ दी. जिसके बाद हीरोइन की तलाश होने लगी. जब कमल हासन ने ये फिल्म साइन की उन्हीं दिनों उन्हें रमेश सिप्पी की फिल्म 'सागर' में काम करने का मौका मिला, जिसमें वो पहली बार डिंपल कपाड़िया के साथ काम कर रहे थे. उन दिनों डिंपल के बारे में कहा जाता था कि अगर कोई हीरो एक बार डिंपल के साथ काम कर ले तो वो बार बार डिंपल के साथ ही काम करने की इच्छा रखता था.
कमल हासन ने भी डिंपल के साथ दोबारा काम करने का मन बना लिया और फिल्म 'सदमा' के लिए उन्होंने डायरेक्टर से बात की. बालू महेंद्रा भी डिंपल से फिल्म के सिलसिले में मिले, लेकिन डिंपल के पास वक्त ही नहीं था, इसके अलावा डिंपल ने इस फिल्म के लिए इतनी ज्यादा फीस मांग ली कि बालू महेंद्रा ने उन्हें साइन के बारे में सोचना ही छोड़ दिया, जिसके बाद ये फिल्म में श्रीदेवी के पास आ गई, और उनके करियर की सबसे शानदार फिल्मों में से एक बन गई.
फिल्म 'सदमा' के संवाद और गीत गुलजार ने लिखे, इस फिल्म में सुरेश वाडेकर का गाया हुआ गाना 'ए जिंदगी गले लगा ले' ने हिंदी सिनेमा के संगीत में एक माइलस्टोन का दर्जा पाया. साथ ही फिल्म 'सदमा' के लिए कमल हासन को बेस्ट एक्टर का और डायरेक्टर बालू महेंद्रा को बेस्ट सिनेमैटोग्राफी का नेशनल फिल्म अवार्ड भी मिला था.