Azamgarh By Election जीतने वाले निरहुआ की ज़िंदगी रही है मुश्किलों भरी, कभी झुग्गी में रहे फिर बने थे भोजपुरी सुपरस्टार
Nirahua Win Azamgarh By Election : भोजपुरी सुपरस्टार दिनेश लाला यादव उर्फ निरहुआ (Dinesh Lal Yadav Nirahua)भोजपुरी सिनेमा के सबसे चर्चित और हिट स्टार्स में से एक हैं
Dinesh Lal Yadav Nirahua Life Story : भोजपुरी सुपरस्टार दिनेश लाला यादव उर्फ निरहुआ (Dinesh Lal Yadav Nirahua) भोजपुरी सिनेमा के सबसे चर्चित और हिट स्टार्स में से एक हैं. सिर्फ सिनेमा जगत में नहीं बल्कि राजनीति में निरहुआ का स्तर काफी ऊंचा हो गया है और इस बात का सबूत है उनकी आज की जीत जो एक्टर ने लोकसभा सीट आजमगढ़ (Azamgarh Bypoll Election) पर हुए उपचुनाव में हासिल की है .
आज़मगढ़ सीट से निरहुआ ने भारी मतों से जीत हासिल की है. एक्टर ने सपा के प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव और बसपा के उम्मीदवार शाह आलम को हराकर 3 लाख 12 हज़ार 768 वोटों के साथ अपने नाम ये जीत दर्ज की है. निरहुआ की इस जीत से हीआप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि लोग उनसे कितना प्यार करते हैं, कि एक्टर ने अखिलेश यादव का गढ़ कहे जाने वाले आज़मगढ़ से उन्हीं की पार्टी के प्रत्याशी को धूल चटा दी. हालांकि इस मुकाम तक पहुंचने के लिए निरहुआ ने बहुत मेहनत की है. चलिए हम आपको बताते हैं झुग्गी से निकलकर भोजपुरी इंडस्ट्री के सुपरस्टार बनने तक का निरहुआ का सफर.
झुग्गी में रहते थे निरहुआ..जीते थे ऐसा जीवन
निरहुआ के पिता एक फैक्ट्री में मामूली सैलरी पर काम करते थे. रोजगार पाने वो दिनेश लाल यादव और अपने दूसरे बेटे को लेकर कोलकाता चले गए, हालांकि निरहुआ की मां और बहनें गांव में ही रहती थीं. शहर जाकर पिता ने 3500 रुपए महीने की सैलरी पर काम करना शुरू किया. बड़ा परिवार और आमदनी मामूली सी, उसमें खाना-पीना, रहना और साथ ही बच्चों की पढ़ाई भी. जैसे-तैसे परिवार का गुजारा हो रहा था पर निरहुआ को शहर की ज़िंदगी रास नहीं आई और 1997 सब लोग गांव वापस लौट आए.
हमेशा से था गाने का शौक...
निरहुआ को शुरू से ही संगीत का शौक था. वो गांव में भैंस पर बैठकर गाना गाया करते थे. निरहुआ अपने चचेरे भाई विजय लाल यादव से काफी प्रभावित थे जोकि प्रख्यात बिरहा गायक हैं. बस यहीं से उनको गाने में दिलचस्पी शुरू हुई. निरहुआ का पहला एलबम 'निरहुआ सटल रहे' बहुत मशहूर हुआ. इसके बाद एक्टर ने इंडस्ट्री की ही राह पकड़ ली. साल 2006 में निरहुआ को पहली फिल्म 'चलत मुसाफिर मोह लियो रे' मिली. इसमें सुनील छैला बिहारी और कल्पना के साथ निरहुआ को भी अहम रोल मिला था. लेकिन फिल्मों में निरहुआ की किस्मत चमकी साल 2008 में आई फिल्म 'निरहुआ रिक्शावाला' से. संतोष मिश्रा की लिखी इस फिल्म ने सफलता के नये कीर्तिमान स्थापित किए और इसके बाद निरहुआ ने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा और आज वो भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार बन चुके हैं.
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