एक्ट्रेस Soma Laishram पर भड़का मणिपुर का KKL ग्रुप, लगाया 3 साल का बैन, हैरान कर देगी वजह
Soma Laishram: मणिपुर की फेमस एक्टर सोमा लैशराम पर तीन साल के लिए फिल्मों में काम ना करने को लेकर बैन लगा दिया गया है. ये बैन इंफाल बेस्ड एक ऑर्गेनाइजेशन ने लगया है.
Soma Laishram Banned From Films: इंफाल बेस्ड एक ऑर्गेनाइजेशन ने पॉपुलर मणिपुरी फिल्म स्टार सोमा लैशराम को तीन साल के लिए फिल्मों में काम करने और सोशल इवेंट में भाग लेने पर बैन लगा दिया है. कहा जा रहा है कि इस संगठन ने कईं मशहूर हस्तियों से अपील की थी कि जब तक मणिपुर हिंसा की आग से धधक रहा है तब तक वे मनोरंजन कार्यक्रमों में भाग न लें. लेकिन सोमा लैशराम ने इनकी बात नहीं मानी जिसके चलते उन पर बैन लगाया गया है.
क्यो लगाया गया एक्टर लैशराम पर बैन
कांगलेइपाक कनबा लूप (केकेएल) ग्रुप ने कहा कि फिल्म स्टार सोमा लैशराम ने 16 सितंबर को नई दिल्ली में एक ब्यूटी पेजेंट में भाग लिया था, जो कि मणिपुर में चल रहे जातीय संघर्ष के मद्देनजर एक्टर्स को ऐसे आयोजनों से बचने के सामान्य आह्वान के खिलाफ था. बता दें कि मणिपुर में हो रहे जातीय संघर्ष में कई लोगों की जान चली गई थी. 3 मई से अब तक 170 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं.
FFM ने लैशराम पर लगाए गए बैन की आलोचना की
वहीं राज्य में सभी फिल्म बॉडी के संगठन, फिल्म फोरम मणिपुर (FFM ) ने लैशराम पर लगाए गए केकेएल के फैसले की भारी आलोचना की और कहा कि वह बैन को रद्द कराने की कोशिश करेगे
बैन लगाए जाने पर लैशराम ने क्या कहा?
बता दें कि लैशराम ने 150 से ज्याद मणिपुरी फिल्मों में अपनी दमदार एक्टिंग का लोहा मनवाया है और कई पुरस्कार जीते हैं. वहीं केकेएल द्वारा लगाए गए बैन पर लैशराम ने कहा कि उन्होंने नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट्स फेस्टिवल में भाग लिया क्योंकि इसने पूर्वोत्तर की सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाया था. उन्होंने मणिपुर स्थित एजेंसी वारी सिंगबुल को बताया, "एक प्रोफेशनल एक्टर और एक सामाजिक प्रभावशाली व्यक्ति के रूप में, मणिपुर में संकट के बारे में संवाद करना और बोलना मेरी ज़िम्मेदारी है और मैंने इस मंच को चुना."
इन सबके बीच केकेएल ने कहा कि उसने लैशराम से नई दिल्ली के इंवेंट में भाग न लेने का अनुरोध करने के लिए एफएफएम और फिल्म एक्टर्स गिल्ड मणिपुर से कॉन्टेक्ट किया था. संगठन ने एक बयान में कहा, "लेकिन उन्होंने अब तक (जातीय संघर्ष में) मारे गए मैतेई लोगों के प्रति पूरी तरह अनादर दिखाते हुए सभी अनुरोधों को खारिज कर दिया."