भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में सबसे बड़े स्टार के तौर पर दिनेश लाल यादव ' निरहुआ' पिछले कई सालों से छाए हुए हैं. निरहुआ को भोजपुरी का सबसे महंगा स्टार माना जाता है. फिल्में उनके नाम से सुपरहिट होती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि स्टारडम की इस ऊंचाई तक पहुंचने से पहले निरहुआ ने कई सालों तक गरीबी और संघर्ष झेला है. आज हम आपको दिनेश लाल यादव के सुपरस्टार निरहुआ बनने की जर्नी के बारे में बता रहे हैं.
दिनेश लाल यादव का जन्म उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में हुआ. हालांकि उनके पिता कलकत्ता (अब कोलकाता) में काम करते थे. लिहाजा निरहुआ का बचपन कलकत्ता के बेलघोरिया इलाके के रेलवे गेट नंबर 4 के पास गुजरा. यहीं उनके पिता एक फैक्ट्री में काम करते थे. निरहुआ की पढ़ाई भी कोलकाता में ही हुई. उनके बड़े भाई बिरहा सम्राट के नाम से मशहूर विजय लाल यादव हैं. वहीं भोजपुरी के मशहूर गीतकार प्यारे लाल यादव भी निरहुआ के भाई हैं. उन्होंने ही निरहुआ के अधिकांश गानों के बोल लिखे हैं.
ऐसे में निरहुआ को संगीत की संगत बचपन से ही मिली थी. निरहुआ का पहला एलबम 'निरहुआ सटल रहे' बहुत मशहूर हुआ. साल 2006 में निरहुआ को पहली फिल्म चलत मुसाफिर मोह लियो रे मिली. इसमें सुनील छैला बिहारी और कल्पना के साथ निरहुआ को भी अहम रोल मिला था. लेकिन फिल्मों में निरहुआ की किस्मत चमकी साल 2008 में आई फिल्म 'निरहुआ रिक्शावाला' से. संतोष मिश्रा की लिखी इस फिल्म ने सफलता के नये कीर्तिमान स्थापित किए.
इसके बाद निरहुआ की एक के बाद एक फिल्में सुपरहिट होती गईं. निरहुआ का फिल्म में होने का मतलब सुपरहिट की गारंटी जैसा हो गया. पिछले कई सालों से निरहुआ लगातार भोजपुरी इंडस्ट्री के नंबर 1 स्टार बने हुए हैं. हालांकि इस दौरान वह कई बार विवादों में भी आए. उन पर एक पत्रकार को फोन कर अपशब्द कहने के कारण मुकदमा भी हुआ. साल 2019 के लोकसभा चुनावों में निरहुआ ने आजमगढ़ से अखिलेश यादव के खिलाफ चुनाव लड़ा लेकिन जीत हासिल नहीं कर पाए. निरहुआ की कई फिल्में रिलीज के इंतजार में हैं.