पहली ही फिल्म से रातोंरात स्टार बन गए थे Kumar Gaurav, फिर नहीं मिली सक्सेस तो करने लगे ये काम
कम समय में ही कुमार ने अपनी पहचान बनानी शुरू कर दी थी लेकिन वह अपने पिता के स्टारडम को नहीं छू पाए. उनके पिता राजेंद्र कुमार को जुबली स्टार कहा जाता था क्योंकि उनकी लगभग हर फिल्म 25-25 हफ़्तों तक सिनेमाघरों से नहीं उतरती थी.
बॉलीवुड एक्टर कुमार गौरव(Kumar Gaurav) ने 1981 में फिल्म 'लव स्टोरी' से डेब्यू किया था. यह फिल्म उनके पिता राजेंद्र कुमार ने बनाई थी जिससे एक्ट्रेस विजेता पंडित ने भी अपना डेब्यू किया था. फिल्म से कुमार रातोंरात स्टार बन गए थे. इसके बाद कुमार गौरव ने तेरी कसम, फूल, नाम और कांटे जैसी फिल्मों में काम किया. उन्होंने फिल्म 'जनम' के लिए फिल्मफ़ेयर का बेस्ट एक्टर अवॉर्ड भी जीता था. कम समय में ही कुमार ने अपनी पहचान बनानी शुरू कर दी थी लेकिन वह अपने पिता के स्टारडम को नहीं छू पाए.
उनके पिता राजेंद्र कुमार को जुबली स्टार कहा जाता था क्योंकि उनकी लगभग हर फिल्म 25-25 हफ़्तों तक सिनेमाघरों से नहीं उतरती थी. बाद में फिल्मों में बहुत ज्यादा सक्सेस ना मिल पाने क कारण कुमार न फिल्म इंडस्ट्री छोड़ दी और वह बिजनेसमैन बन गए. एक इंटरव्यू में कुमार गौरव ने अपने इस फैसले पर कहा था, मुझे बॉलीवुड में कोई खास फ़िल्मी ऑफर नहीं मिल रहे थे, काम में मज़ा नहीं आ रहा था इसलिए मैंने कुछ अलग करने की सोची. शुरुआत मैं मुझे राजेंद्र कुमार के बेटे होने का काफी प्रेशर झेलना पड़ा लेकिन मैं जो कर सकता था मैंने किया. आपको बता दें कि फ़िल्में छोड़ कुमार ने मालदीव में अपना कंस्ट्रक्शन बिजनेस शुरू किया.
उन्हें यह बिजनेस करते हुए काफी समय हो चुका है और वह इसमें काफी सक्सेसफुल भी हो चुके हैं. पर्सनल लाइफ की बात करें तो कुमार ने संजय दत्त की बहन नम्रता दत्त से शादी की है. दोनों दो बेटियों साची और सिया के पेरेंट्स हैं. कुमार गौरव संजय दत्त के जिगरी दोस्त हैं और दोनों ने फिल्म नाम में साथ काम किया था. कुमार अब 61 साल क हो चुके हैं. फ़िल्में छोड़ने के बाद उन्होंने सिकंदर, चॉकलेट और जीना इसी का नाम है जैसी टेलीविजन शोज में काम किया था. फिल्म 'द जंगल बुक' के हिंदी वर्जन में कुमार ने मोगली के किरदार के लिए आवाज भी दी थी.