मेरा नाम जोकर के चाइल्ड आर्टिस्ट
सबसे पहले ऋषि कपूर एक चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर मेरा नाम जोकर में नजर आए थे और उसमें एक स्कूल स्टूडेंट का रोल उन्होंने इतनी बखूबी निभाया कि लोग उनकी मासूमियत के कायल हो गए. साल 1971 में उनके निभाए इस कैरेक्टर के लिए उन्हें बेस्ट चाइल्ड आर्टिस्ट का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था जो दिखाता है कि उनकी एक्टिंग के शुरुआती दौर में भी वो कितने बेहतरीन एक्टर थे.
बॉबी में हीरो के तौर पर शानदार डेब्यू
इसके बाद एक हीरो के तौर पर उन्होंने डेब्यू किया फिल्म बॉबी से जो कि ब्लॉकबस्टर साबित हुई. इस फिल्म में निभाए रोल से ऋषि कपूर जवां दिलों की धड़कन बन गए. युवा लड़कियों के मोस्ट फेवरेट तो यंग लड़कों के बॉलीवुड आइडियल के रूप में वो फिल्म इंडस्ट्री की नई सेंसेशन बनकर उभरे. इस फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट एक्टर का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला.
रोमांटिक हीरो के लिए डायरेक्टर्स की सबसे बड़ी पसंद
इसके बाद आई फिल्मों में तो जैसे वो रोमांटिक हीरो के लिए एकदम उपयुक्त एक्टर बनकर स्थापित हो गए. सागर, प्रेमरोग, कर्ज, नसीब, दीवाना, चांदनी, बंजारन, लैला मजनूं, अमर अकबर एंथनी, कुली, सरगम, दामिनी अजूबा, नसीब अपना-अपना, दुनिया, तवायफ, हम किसी से कम नहीं, कभी-कभी जैसी फिल्मों से वो सफलता के नए-नए आयाम गढ़ते चले गए. इनमें से ज्यादातर फिल्मों में ऋषि कपूर ने हीरो का रोल निभाया और उनके किरदार में रोमांस का पुट जरूर होता था.
कैरेक्टर रोल्स में भी दिखाया दमखम
एक समय ऐसा आया जब ऋषि कपूर फिल्मों से गायब हो गए थे लेकिन उसी दौरान उन्होंने कैरेक्टर रोल्स को करना शुरू कर दिया और नई पीढ़ी के साथ भी अपना तारतम्य बिठाया. लव आज कल, नमस्ते लंदन, डी-डे, दो दूनी चार और कपूर एंड संस जैसी फिल्मों से अपना रुतबा एक बार फिर कायम कर लिया. नई पीढ़ी के साथ जमकर ताल ठोकी और मुल्क जैसी फिल्मों में तापसी पन्नू के मजबूत किरदार के आगे अपनी शानदार एक्टिंग के जरिए लोगों को फिर अपना कायल बना लिया. अग्निपथ में रऊफ लाला के निगेटिव किरदार को भी ऐसी शिद्दत से निभाया कि लोग ये यकीं नहीं कर पाए कि ये वही कलाकार है जो कभी अपनी चॉकलेटी इमेज के लिए मशहूर था.
102 नॉटआउट में बने अमिताभ बच्चन के बेटे-रोल ऐसा निभाया कि यादगार बना दिया
साल 2018 में उनकी फिल्म आई थी 102 नॉटआउट और उसमें उन्होंने अमिताभ बच्चन के बेटे के रूप में शानदार किरदार निभाया. लोग उनकी इस फिल्म की परफॉर्मेंस से एक बार फिर उनकी अदाकारी के कायल हो गए.
कपूर खानदान की अगली पीढ़ी के मजबूत सिपहसालार के रूप में तो ऋषि कपूर को उनकी पहली फिल्म से ही देखा जाने लगा था लेकिन वो अपने किरदारों की विभिन्नता के जरिए 80-90 के दशक से लेकर आज तक लोगों के जेहन में छाए रहेंगे ये बहुत ही कम लोगों ने सोचा होगा.
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