बॉलीवुड एक्टर जैकी श्रॉफ (Jackie Shroff) ने साल 1983 में फिल्म 'हीरो' (Hero) से हिंदी सिनेमा में अपना परचम लहराया था. हाल ही में जैकी दादा ने इस फिल्म के बारे में कई दिलचस्प किस्से शेयर किए और ये भी बताया कि उनकी निजी और प्रोफेशनल लाइफ में डायरेक्टर सुभाष घई का कितना महत्व है. आपको बता दें कि हाल ही में जैकी श्रॉफ सिंगिंग रियलिटी शो 'सारेगामापा लिटिल चैंप्स' के फिनाले में गोविंदा (Govinda) और शक्ति कपूर (Shakti Kapoor) के साथ बतौर गेस्ट पहुंचे थे. यहां शो की फाइनलिस्ट रनिता और तनिष्का ने जैकी श्रॉफ की सुपरहिट फिल्म 'राम लखन' का गाना गाया जिसके बाद जैकी उस फिल्म के दिनों को याद करने लगे.



'सारेगामापा लिटिल चैंप्स' के मंच पर जैकी ने उन दिनों को याद करते हुए कहा- 'सुभाष घई मेरे लिए मेरी फैमिली की तरह हैं. उन्होंने फेरों के वक्त मेरी पत्नी का कन्यादान किया था. सुभाष जी को मैं अपना गुरु और भाई मानता हूं. देव साहब मुझे फिल्म इंडस्ट्री में लाए थे लेकिन मुझे सुभाष घई ने हीरो बनाया. फिल्म 'स्वामी दादा' में विलेन बनकर फिल्म इंडस्ट्री में आया था, सुभाष जी ने मुझे हीरो बना दिया.' वहीं फिल्म 'हीरो' के सेट पर अपने पहले दिन के अनुभव को शेयर करते हुए जैकी श्रॉफ ने कहा- 'ये सब जानते हैं कि मुझे ज्यादा शोबाजी पसंद नहीं है. मैं शूटिंग पर हाफ पैंट और बनियान पहनकर पहुंच गया. सुभाष जी ने मुझे देखा तो तुरंत मुझे साइड में ले गए, जहां ड्रेसिंग रूम था. वहां मुझे पहनने के लिए मुझे कुर्ता पाजामा दिया गया.'



इसके अलावा जैकी ने भी बताया कि उन्हें फिल्म 'हीरो' में रोल कैसे मिला- जैकी ने कहा- 'इस फिल्म के लिए मेरा स्क्रीन टेस्ट नहीं हुआ था. मुझे बस जमीन पर गुलाटी मारने के लिए बोला गया था और मैंने वही किया. उस वक्त ये करते हुए मुझे काफी अजीब लगा था लेकिन बाद में मुझे समझ आया कि वो सब कुछ मेरी फाइटिंग की ट्रेनिंग के लिए मुझसे करने को कहा गया था.'