मुम्बई: वाइकिंग वेंचर्स के मालिक और बॉलीवुड फिल्म अभिनेता सचिन जोशी पर कई महीनों से लाखों रुपये का बकाया वेतन नहीं देने का इल्जाम कंपनी में काम कर चुके कई कर्मचारियों ने लगाया है. एबीपी न्यूज़ ने वाइकिंग वेंचर्स के ऐसे कई पूर्व कर्मचारियों से बात की और मामले के तह तक जाने की कोशिश की.
एबीपी न्यूज़ के पास कंपनी में काम कर चुके 30 कर्मचारियों के नामों की सूची भी हैं, जिनका लाखों रुपये का वेतन बकाया है. एबीपी न्यूज़ के पास कंपनी के चेयरमैन सचिन जोशी द्वारा कर्मचारियों को जल्द से जल्द चुका देने संबंधी पिछले साल जारी किया गया ई-मेल की कॉपी भी है. इस बीच, सचिन जोशी ने इन इल्जामों पर सफाई देते हुए कंपनी में हुई धांधली को इसकी मुख्य वजह बताया है.
सचिन जोशी की कंपनी वाइकिंग वेंचर्स से अक्टूबर, 2018 में बतौर सोशल मीडिया हेड जुड़नेवाली तस्कीन नाईक ने वेतन समय पर नहीं दिये जाने के चलते 2019 के मई महीने में नौकरी छोड़ दी थी. वो सीधे पर सचिन जोशी को रिपोर्ट करती थीं. उन्होंने एबीपी न्यूज़ से फोन पर बताया, "बार-बार याद दिलाने के बावज़ूद भी मुझे तीन महीने का बकाया वेतन नहीं मिला.
एचआर से फॉलो किये जाने के बावजूद मुझे आश्वासन के अलावा उन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ. बाद में सचिन जोशी ने मुझे फोन पर ब्लॉक कर दिया." तस्कीन ने बताया कंपनी पर उनका 1.20 लाख रुपये कंपनी पर बकाया है और एक साल से अपने ही पैसे मांग-मांगकर वो तंग आ चुकी हैं.
उल्लेखनीय है कि हाल ही में सचिन जोशी ने कोरोना वायरस के खिलाफ़ जंग में अपना योगदान देने का ऐलान करते हुए फ्रंट लाइन वर्कर्स को खाने खिलाने और अन्य तरह की मदद करने का प्लान पेश किया था, जिसके लिए उन्होंने अपनी कंपनी की तरफ से तीन करोड़ रुपये देने की बात कही थी. इसपर तस्कीन का कहना है, "जब उनके पास अपने ही कर्मचारियों को देने के लिए पैसे नहीं हैं, तो फिर इस मदद का क्या मतलब निकाला जाये?"
पूर्व मार्केटिंग अफसर कृष्णा चौधरी ने अक्टूबर 2018 में वाइकिंग वेंचर्स कंपनी ज्वाइन की थी, लेकिन उन्होंने भी देर से मिलनेवाली सैलरी के चलते 2019 में जून में नौकरी छोड़ दी थी. कृष्णा कहते हैं सचिन जोशी ने ई-मेल के जरिए हमें आश्वासन दिया था कि कंपनी से जुड़े कुछ मसलों के सुलझते ही वो हम सबके वेतन क्लियर कर देंगे.
कृष्णा ने एबीपी न्यूज़ से कहा, "पिछले साल जून में नौकरी छोड़ने के बाद से चार महीने का मेरा वेतन यानि 2.40 लाख रुपये कंपनी पर बकाया है, मगर बार-बार एचआर को याद दिलाने और ई-मेल करने के बावजूद भी अभी तक बकाया राशि नहीं मिली है. "
पिछले साल मई में थिंकटैंक डिजिटल मीडिया प्राइवेट लिमिटेड में बतौर कॉपी सुपरवाइज़र जुड़ने वाले आदित्य नारायण नाईक ने अगले महीने जून में ही वेतन नहीं दिये जाने के चलते नौकरी छोड़ दी थी और अब एक साल बाद भी उनके दो महीने का वेतन बकाया है.
वे कहते हैं, "हम पांच लोगों ने साथ में कंपनी ज्वाइन की थी और वेतन नहीं नहीं दिये जाने के चलते साथ ही में एक हफ्ते के अंतराल पर चार लोगों ने नौकरी छोड़ दी थी. तमाम कोशिशों, बार बार फोन किये जाने और पवई स्थित कंपनी के हेड ऑफि जाने के बावजूद भी हमें अब तक बकाया वेतन नहीं मिला है. उल्लेखनीय है कि थिंकटैंक छोड़ने के बाद आदित्य मुम्बई में ढंग की नौकरी नहीं मिलने के चलते पिछले साल ही अपने गृह राज्य उड़ीसा लौट गये थे.
इस बीच, एबीपी न्यूज़ द्वारा वाइकिंग वेंचर्स के सचिन जोशी से संपर्क किये जाने पर उनकी तरफ से एक आधिकारिक बयान जारी कहा कि यह कुछ मुट्ठीभर कर्मचारियों द्वारा उनकी कंपनी को बदनाम करने की साजिश है. बयान में कहा गया है उनकी कंपनी इस वक्ता अपने साथ जुड़े लगभग 1000 कर्मचारियों और उनके परिवारों का ख्याल रख रही है और ऐसे में कुछ कर्मचारियों का वेतन नहीं दिये जाने की कुछ खास वजहें हैं, जिसके चलते उनका वेतन बकाया रखा है.
कंपनी का यह भी कहना है कि थिंक टैंक डिजिटल मीडिया प्राइवेट लिमिटेड में कई तरह की धांधलियां हुईं थीं, जिसकी जांच की जा रही थी, लेकिन बाद में यह मामला लेबर कोर्ट में चला गया. कंपनी का कहना है कि हमने जांच पूरी होने के बाद जून 2020 तक सभी की बकाया राशि देने का वादा भी किया था, लेकिन बीच में लॉकडाउन आ गया.
कंपनी ने अपने अधिकारिक बयान में यह भी दावा किया है कि धांधली के अलावा इनमें से कई कर्मचारियों पर एक ही समय पर दो जगहों पर काम करने की बात भी उजागर हुई थी, जिसे कुछ कर्मचारियों ने सोशल मीडिया के जरिए कुबूल भी किया था.
कंपनी का कहना है कि उन्हें देश न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है और कंपनी को बदनाम करने के लिए मीडिया का बेजा इस्तेमाल करनेवालों को लीगल नोटिस भेजा जाएगा.