मुम्बई: बॉलीवुड की मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान अब हमारे बीच नहीं हैं. लेकिन उनके साथ काम करने वालों और उनके इशारों पर नाचने वालों सितारों द्वारा उनसे जुड़ी अपनी खुशनुमां यादों को साझा किये जाने का सिलसिला जारी है.


सैफ अली खान की ओर से एबीपी न्यूज़ को जारी एक बयान में कहा गया है, "पहली दफा मैंने 'परंपरा' के एक गाने के लिए उनके साथ काम किया था. इसके बाद जल्द ही एक बार फिर मैंने 'आशिक आवारा' में उनके साथ काम किया, जिसका टाइटल सॉन्ग काफी मशहूर हुआ था और इस गाने की वजह से मेरा लड़खड़ाता करियर संभल गया था. उन्होंने मुझे पसीने, गर्मी से तर-ब-तर, भीड़-भाड़, बिना एसी वाले और केमिकल 'धुएं' वाले माहौल में घुटनों के बल पर ट्रेडमार्क डांस करवाया था."


वे आगे कहते हैं, "90 के दशक के मेरे साथी ही समझ सकते हैं कि मैं क्या कहना चाहता हूं. मैंने स्टेप खत्म किया और देखा कि घुटनों की जगह से मेरी पैंट फटी हुई है और वहां से खून रिस रहा था. इस बारे में जब मैंने 'मास्टरजी' से कहा तो उन्होंने मुझसे कहा - 'अरे, खून की चिंता मत करो. ये देखो ये खून तुम्हें कहा तक ले जा सकता है." उन्होंने मुझे कड़ी मेहनत करने की प्रेरणा दी. मैं सेट की लाइट्स बंद करवा कर, सिर पर मलमल का कपड़ा बांधकर घंटों अपने स्टेप्स की रिहर्सल किया करता था और ऐसे में अक्सर मैं लंच भी नहीं किया करता था. लेकिन हमें कभी भी अपने स्टेप्स को बदलने की आजादी नहीं हुआ करती थी. ये सरोजजी के काम करने का तरीका नहीं था."


सैफ कहते हैं, "मास्टरजी को अच्छी तरह से पता था कि किस एक्टर पर कौन सा स्टेप सूट किया करता था. एक गाने के लिए उन्होंने मुझसे एक हफ्ते तक रिहर्सल कराई और फिर उन्होंने मुझे पूरी यूनिट के सामने एक ही बार में उसे परफॉर्म करवाया. परफॉर्म करने के बाद जब मैं हांफने लगा तो उन्होंने मुझे कहा - "अच्छा, अब ये सब भूल जाओ. अब जब तुम इस गाने पर आसानी से डांस कर पा रहे हैं, तो चलो हम कुछ और बेहतर करने की कोशिश करते हैं". वो गाना था फिल्म 'ये दिल्लगी' का 'ओले ओले'. इस हिट गाने को वो एक अलग ही मुकाम पर ले गयीं थीं. मैंने इस गाने को सैंकड़ों बार अंतर्राष्ट्रीय स्टेज शोज में परफॉर्म किया होगा. मैं इस गाने के लिए हमेशा 'मास्टरजी (और उस वक्त उनके असिस्टेंट रहे जोजो और अहमद खान का, जिन्होंने बाद में खुद भी अपनी अलग पहचान बनाई) का शुक्रगुजार रहूंगा, जिसने मुझे एक डांसिंग स्टार बना दिया था. मेरे लिए ये एक बहुत बड़ी उपलब्धि थी क्योंकि मुझे कतई नाचना नहीं आता था!"


सैफ ने करीना से जुड़ा एक किस्सा सुनाते हुए कहा, "उनके साथ किया जाने वाला कोई भी गाना एक वास्तविक कला की सुंदर मिसाल बन जाया करता था क्योंकि वे हर स्टेप में जज्बात और भाव लाने की कोशिश करती थीं. एक दफा उन्होंने करीना से कहा था - "अगर तुम अपने पैर नहीं हिला सकती हो, तो कम से अपने चेहरे पर एक्सप्रेशन तो लाओ."


सैफ अली खान कहते हैं कि अब वो चलीं गयीं और संगीत का वो दौर भी गुजर गया है. लेकिन हममें से जिस किसी को भी उनके गानों पर नाचने का मौका मिला, वो कभी भी किसी हिंदी गाने को ये सोचे बिना नहीं सुन सकता है कि कैसे उन्होंने अपनी धुन पर अमिताभ बच्चन, श्रीदेवी से लेकर शाहरुख खान और माधुरी दीक्षित को नचाया था."