SC ने OTT पर बने नए नियमों को 'दंतहीन' बताया, कहा- दंड का प्रावधान करते हुए सरकार बनाए कानून
5 फरवरी को सरकार ने आईटी इंटरमीडियरी रूल्स जारी किए हैं. कोर्ट ने आज कहा कि यह महज दिशानिर्देश हैं. इनका उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाने या मुकदमा चलाने जैसे प्रावधान नहीं बनाए गए हैं. सरकार को इस मसले पर कानून बनाना चाहिए.
OTT Platform Guidelines: OTT प्लेटफॉर्म के कंटेंट पर नियंत्रण के लिए बने सरकार के नए नियमों को सुप्रीम कोर्ट ने नाकाफी बताया है. कोर्ट ने आज कहा कि यह महज दिशानिर्देश हैं. इनका उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाने या मुकदमा चलाने जैसे प्रावधान नहीं बनाए गए हैं. सरकार को इस मसले पर कानून बनाना चाहिए.
सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से सहमति जताई. उन्होंने कहा, "अब तक इस मसले पर नियम नहीं बने थे. OTT प्लेटफॉर्म को आत्मनियंत्रण का मौका देने के मकसद से नए नियम बनाए गए हैं. लेकिन कोर्ट का यह कहना सही है कि बिना दंड का प्रावधान किए नियम प्रभावी नहीं हो सकते. सरकार उचित कानून बनाने की दिशा में काम कर रही है 2 हफ्ते में हम ड्राफ्ट कानून कोर्ट में पेश किया जाएगा. हम चाहेंगे कि कोर्ट उन पर विचार करे."
5 फरवरी को सरकार ने आईटी इंटरमीडियरी रूल्स जारी किए हैं. कल एक मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस अशोक भूषण और आर सुभाष रेड्डी की बेंच ने इन नियमों को अपने सामने रखने को कहा था. आज जजों ने इन नियमों को 'टीथलेस' यानी दंतहीन करार दिया.
जिस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने OTT पर कानून बनाने की बात कही है, वह अमेज़न प्राइम की कंटेंट हेड अपर्णा पुरोहित से जुड़ा है. अपर्णा ने वेब सीरीज़ 'तांडव' के लिए यूपी में दर्ज एफआईआर में गिरफ्तारी से राहत की मांग की थी. इसे सुनते हुए कोर्ट ने कहा था कि तमाम OTT प्लेटफॉर्म्स पर बिना रोकटोक आपत्तिजनक सामग्री दिखाई जा रही है.
आज कोर्ट ने अपर्णा पुरोहित की याचिका पर यूपी सरकार को नोटिस जारी किया. कोर्ट ने उनके वकील मुकुल रोहतगी का यह बयान नोट कोय के वह वेब सीरीज़ तांडव के लिए लखनऊ और ग्रेटर नोएडा में दर्ज एफआईआर की जांच में पूरा सहयोग करेंगी. इसे आधार बनाते हुए फिलहाल उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी गई है.