बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत को दो महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है लेकिन अभी तक उनकी मौत की गुत्थी सुलझने का नाम नहीं ले रही है. मुंबई और बिहार पुलिस के बाद इस मामले की जांच अब सीबीआई और ईडी कर रही है. हालांकि अभी तक भी कुछ साफ नहीं है. वहीं दिग्गज अभिनेता और कांग्रेस नेता शत्रुघन सिन्हा ने सुशांत सिंह राजपूत मामले में एबीपी न्यूज़ से एक्सलूसिव बातचीत की है. शत्रुघन सिन्हा ने सुशांत की मौत को संदिग्ध बताया है.
दरअसल, सुशांत सिंह राजपूत और शत्रुघन सिन्हा दोनों ही बिहार के पटना के रहने वाले हैं. सुशांत सिंह राजपूत मामले की जांच सीबीआई के हाथों में जाने पर शत्रुघन सिन्हा का कहना है कि अब इंसाफ होना चाहिए. उन्होंने कहा, "सुशांत की मौत हृदयविदारक तो है ही साथ ही संदिग्ध भी है. पहले हमको लगा था कि ये आत्महत्या का मामला है लेकिन जैसे जैसे बाते सामने आती गई फिर लगा कि मामला संदिग्ध है. फिर हमने भी सभी के साथ मांग की कि मामला सीबीआई को पहुंचा देना चाहिए. हालांकि मैं ये बात जानता भी हूं और मानता भी हूं कि सीबीआई निष्पक्ष है. ऐसे मामलो की जांच के लिए सीबीआई सबसे सही एजेंसी है."
इसके साथ ही शत्रुघन सिन्हा ने आरुषि मर्डर केस, जिया खान मौत मामले समेत कई केस के बारे में भी बात की जिन्हें सीबीआई भी सुलझाने में नाकाम रही है. ऐसे में सुशांत केस के बारे में बात करते हुए उन्होंने आगे कहा, "सुशांत के केस में उनके परिवार की चीख और तड़प पूरे देश में नहीं पूरे विश्व में फैल गई. ऐसे में लोगों की मांग उठी की अब तो इसकी तह तक जाना है. ऐसे में हम सभी ने इसके लिए सीबीआई जांच की मांग की."
मुंबई पुलिस की जांच पर उठे सवालों के बारे में बात करते हुए शत्रुघन सिन्हा ने कहा, "सुशांत सिंह के पिता, उनकी बहने और पूरा परिवार बहुत भले लोग हैं. उनकी तड़प जायज थी क्योंकि मामला उलझता ही जा रहा था. मुंबई पुलिस का ट्रैक रिकॉर्ड तो बहुत ही अच्छा है लेकिन यहां मामला उलझने के साथ साथ बहुत देरी होने वाला भी रहा. इसमें हो सकता है कि सीबीआई को बहुत देरी हो. उनका परिवार ने जिस तड़प में बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार से सीबीआई जांच की मांग की वो बहुत ही सही कदम था."
सुशांत सिंह राजपूत मामले में सीबीआई मांग के लिए जहां तमाम दिग्गज सितारों और खानों ने चुप्पी साधी रही तो इस पर बात करे हुए शत्रुघन सिन्हा ने कहा, "इस मामले में आवाज उठाने वाला फिल्म इंडस्ट्री से मैं पहला शख्स था और मैरा मानना है कि जहां मामला पेइचीदा हो नाइंसाफी का हो और इंसाफ का हो कि किसी को ना मिल रहा हो तो हर किसी को उसके लिए अपना आवाज उठानी चाहिए. "