बंदिश बैंडिट्स (Bandish Bandits), मिर्जापुर (Mirzapur), ताज महल (Taj Mahal) और परमानेंट रूममेट्स (Permanent Roommates) समेत कई वेबसीरीज के जरिए दर्शकों को अपनी एक्टिंग से लुभाने वाली शीबा चड्ढा (Sheeba Chaddha) अब किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं. शीबा ने फ़िल्मी दुनिया में लंबा सफर तय किया. उन्होंने टेलीविजन से लेकर बॉलीवुड की कई बड़ी फिल्मों में काम किया है, लेकिन उनके टैलेंट को जो सम्मान ओटीटी पर मिला है वो शायद फिल्मों और टेलीविजन पर उतना नहीं मिला.


फिल्मों में बड़े एक्टर्स के स्टारडम के नीचे उनकी परफॉरमेंस दब कर रह गई और उन्हें किसी ने इतना नोटिस नहीं किया, लेकिन अपने टैलेंट का दम जब शीबा ने ओटीटी पर दिखाया तो कोई भी उनकी तारीफ किए बिना रह नहीं पाया. आपको बता दें कि 1973 को दिल्ली में जन्मीं शीबा को शुरुआत से ही थिएटर में इंटरेस्ट था और वह थिएटर की वर्कशॉप्स भी लिया करती थीं. इसी दौरान उन्हें 1999 में आई संजय लीला भंसाली की फिल्म 'हम दिल दे चुके सनम' में काम करने का मौका मिला और उनका फ़िल्मी सफर शुरू हो गया. शीबा ने फिर परज़ानिया, दिल्ली 6, लक बाय चांस और तलाश जैसी फिल्मों में तो काम किया ही, साथ ही वह टीवी पर भी सक्रिय हो गईं.




उन्होंने लव मैरिज, कस्तूरी, ना आना इस देस लाडो, कितनी मोहब्बत हैं, कहानी सात फेरों की, कुछ तो लोग कहेंगे, लाखों में एक और हिटलर दीदी जैसी टीवी पॉपुलर तक शोज में जगह बनाई. फिल्मों में शीबा को सबसे ज्यादा नोटिस फिल्म दम लगा के हइशा के लिए किया गया, जिसमें उन्होंने नैन तारा तिवारी (बुआजी) का किरदार निभाया था. टीवी फिल्मों और ओटीटी पर व्यस्तता के बावजूद शीबा का थिएटर प्रेम नहीं मरा. उन्होंने रजत कपूर के सी फॉर क्लाउन के अलावा द ब्लू मग, हेद्दा गैब्लर जैसे प्ले में काम किया है. वह अपना थिएटर ग्रुप 'द कंपनी थिएटर'चलाती हैं.  


ये भी पढ़ें: 


Salman Khan के साथ कई फिल्मों में दिखा था ये एक्टर, गंभीर बीमारी से कम उम्र में ही हो गई थी मौत


अब ऐसी दिखती हैं 'लाल दुप्पटे वाली' एक्ट्रेस Ritu Shivpuri, 28 साल बाद इतना बदल गया लुक