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Shivaji Ganesan ने एक ही फिल्म में निभाए थे 9 किरदार, 300 से ज्यादा फिल्मों में किया था काम
Shivaji Ganesan Facts: भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री और पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया था. साथ ही उन्हें दादा साहेब पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है.
Shivaji Ganesan Death Anniversary: आज शिवाजी गणेशन (Shivaji Ganesan) की 21वीं डेथ एनिवर्सरी है. 1 अक्टूबर 1928 को जन्मे शिवाजी अपने माता-पिता के चौथे बेटे थे. उन्हें बचपन से ही ड्रामा करने का शौक था, ऐसे में थिएटर के लिए उन्होंने 7 साल की उम्र में ही अपना घर छोड़कर थिएटर ग्रुप ज्वाइन कर लिया. कई सालों तक वो थिएटर से जुड़े रहे. इसके बाद 24 साल की उम्र में उनकी पहली फिल्म पराशक्ति रिलीज हुई जो इतनी सुपरहिट रही कि थिएटर में ही देश के साथ विदेशों में भी ये फिल्म 40 हफ्ते तक चली.
उनकी फैन फॉलोइंग गजब की थी. लोग उन्हें लीड रोल में ही पसंद किया करते थे. उन्होंने अपनी 100वीं फिल्म नवरथी में रिकॉर्ड तोड़ 9 कैरेक्टर प्ले किए थे. शिवाजी ने 300 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है. भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री और पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया था. साथ ही उन्हें दादा साहेब पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है.
फ्रांस सरकार ने 1955 में उन्हें अपने सर्वोच्च सम्मान, शेवेलियर ऑफ़ द नेशनल ऑर्डर ऑफ़ द लीजन ऑफ़ ऑनर से सम्मानित किया था. जब मिस्र के राष्ट्रपति जमाल अब्देल नासिर ने भारत का दौरा किया, तो शिवाजी गणेशन एकमात्र व्यक्ति थे जिन्हें तत्कालीन प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू ने नासिर के लिए पार्टी होस्ट करने की परमिशन दी थी.
वहीं 1962 में शिवाजी ऐसे पहले एक्टर थे जिन्हें भारत के कल्चरल ऐंबेस्डर के तौर पर यूएस भेजा गया था. वहां उनके सम्मान में उन्हें नियाग्रा फॉल्स का मेयर नियुक्त किया गया था. शिवाजी कई राजनैतिक पार्टिंयों का भी हिस्सा रहे. इसके बाद 2001 में लंबी बीमारी के चलते 72 साल की उम्र में उनका निधन हो गया.
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प्रोफेसर वीरेन्द्र चौहानप्रवक्ता, हरियाणा बीजेपी
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