Sidharth Shukla Shehnaaz Gill: कहते हैं कि इस जहां में एक जगह ऐसी भी है जहां एक बार जाने के बाद कोई वापस नहीं लौटता. फिर चाहे कितनी ही आहें भरी जाए... कितनी ही सिसकियां क्यों ना आए... कितने ही आंसू क्यों ना बहाए जाएं... कुछ काम नहीं आता. शहनाज गिल (Shehnaaz Gill) भी इन दिनों खूब सिसकियां बहा रही हैं... आंखों से आंसू है कि रुकने का नाम नहीं ले रहे... सिद्धार्थ शुक्ला (Sidharth Shukla) की याद उन्हें रह रहकर कचोटती है. कलेजा फट फड़ता है लेकिन न कहीं सिद्धार्थ दिखता है... ना उसकी आवाज आती है. शहनाज की एक आवाज पर साथ खड़ा रहने वाला सिद्धार्थ आज अपनी ‘सना’ को अकेला छोड़ गया है और ये दर्द शहनाज से सहा नहीं जा रहा है.
इंसान के जाने के बाद कुछ रह जाता है तो बस यादें... आज शहनाज के हिस्से भी बस वो यादें ही हैं. यादों का वो सफर बिग बॉस से शुरू होता है, जहां पहली बार मिले थे दोनों. तब किसे पता था कि ये दोस्ती क्या रंग लाने वाली है. बिग बॉस के घर में दोनों ने गुजारे वो इनके अनमोल पल थे. जो आज रह रहकर शहनाज को दर्द दे रहे हैं. क्योंकि उन्हीं पलों में तो दोनों ने मानो जिंदगी जी ली थी. इन खास पलों को तो फैंस भी नहीं भूले हैं. शहनाज की आंखों में ही नहीं बल्कि उनके चेहरे पर भी दिखता था कि सिद्धार्थ उनके लिए क्या हैं और सिद्धार्थ पर अपना हक शहनाज ने खूब जताया.
बिग बॉस के घर में दोनों के बीच दिखी खट्टी मीठी नोकझोंक इनके प्यार को और बढ़ा देती. एक रूठता तो दूसरा मनाता नहीं बल्कि उसे और चिढ़ाता और तंग करता. लेकिन इनका प्यार फिर भी बढ़ता जाता. इनके रिश्ते का ये भी एक रूप था.
आज सिद्धार्थ के बिना शहनाज की दुनिया सूनी-सूनी है. आंखें सूख नहीं रही, जुबां बोलते-बोलते कंपकंपाने लगती है. शरीर बेजान हो गया है मानों जान तो सिद्धार्थ के साथ ही चली गई हो. लेकिन वक्त एक ऐसा मरहम है जो हर जख्म को भर देता है. शहनाज के घाव भी भर जाएंगे, वो फिर से खड़ी हो जाएंगी, आंखों की नमी धीरे-धीरे सूख जाएगी. हां... कुछ हमेशा रहेगा तो बस यादें और उन यादों में हमेशा जिंदा रहेंगे सिद्धार्थ.
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