Sidharth Shukla Funeral: पंचतत्व में विलीन हुए सबके प्यारे सिद्धार्थ शुक्ला, मां ने कांपते हाथों और नम आंखों से दी बेटे को मुखाग्नि, देखकर हर कोई रोया
सिद्धार्थ शुक्ला (Sidharth Shukla) का अंतिम संस्कार ब्रह्मकुमारी रीति रिवाज से संपन्न हुआ. मां ने कांपते हाथों और नम आंखों से जब बेटे को मुखग्नि दी तो हर किसी का कलेजा फट गया.
Sidharth Shukla Funeral: सिद्धार्थ शुक्ला नहीं रहे, सिद्धार्थ शुक्ला का निधन हो गया, सिद्धार्थ शुक्ला का अंतिम सफर, पंचतत्व में विलीन सिद्धार्थ शुक्ला.....ये वो शब्द से जिन्हें ना कोई सुनना चाहता था ना ही कोई लिखना. लेकिन आज ये शब्द सुनने भी पड़े और लिखने भी पड़े. सिद्धार्थ शुक्ला (Sidharth Shukla)हमेशा के लिए अब उस दुनिया में चले गए जहां से वापस लौटना नामुमकिन है. वापसी तो छोड़िए पलट कर एक आवाज तक नहीं आती. आप ताकते रहते हैं उस अमिट आसमान को लेकिन ना वो चेहरा दिखता है और ना ही वो आवाज सुनाई देती है. सिद्धार्थ भी उसी दुनिया के चमकते सितारे बन चुके हैं. गुरुवार को सिद्धार्थ का निधन (Sidharth Shukla Death) हुआ और शुक्रवार को वो पंचत्तव में विलीन हो गए. ओशिवारा शमशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया. मां ने कांपते हाथों और नम आंखों से जब बेटे को मुखग्नि दी तो हर किसी का कलेजा फट गया.
ब्रह्मकुमारी रीति रिवाज से हुआ अंतिम संस्कार
सिद्धार्थ शुक्ला का अंतिम संस्कार ब्रह्मकुमारी रीति रिवाज से संपन्न हुआ. अंतिम संस्कार पर सिद्धार्थ शुक्ला के परिवार के अलावा उनके जानने वाले, इंडस्ट्री के उनके दोस्त सभी पहुंचे हुए थे. लेकिन एक चेहरा जिसे देख हर किसी की आंख और भी नम हो गई वो थीं शहनाज गिल. सिद्धार्थ की मौत के बाद पहली बार शहनाज स्पॉट हुईं ओशिवारा शमशान घाट पर और उन्हें देखकर ये यकीन करना मुश्किल था कि ये वही शहनाज है जिन्हें अब तक लोगों ने देखा. बिखरे बाल, बदहवास हालत, शरीर में मानो जान ही ना हो. सिद्धार्थ के जाने के बाद शहनाज टूट चुकी हैं और किस कदर वो बताने के लिए ये तस्वीरें काफी थीं.
मां का हुआ रो-रोकर बुरा हाल
सिद्धार्थ की मां काफी स्ट्रॉन्ग महिला हैं. पति को खोने के बाद सिद्धार्थ और दोनों बेटियों को उन्होंने अकेले पाला. उन्हें अच्छी परवरिश दी. लेकिन अब उनकी आंखों के सामने उनका बेटा भी चला गया. तो भला एक मां खुद को कैसे संभाले, किसे सहारे जीए वो...ये सवाल सिर्फ सिद्धार्थ के परिजनों के मन में नहीं बल्कि हमारे मन में भी कौंध रहा है.