मिर्ज़ापुर के 20 गांव की बुजुर्ग महिलाओं की मदद के लिए सामने आए सोनू सूद, एक बार फिर जीता लोगों का दिल
मिर्ज़ापुर के 20 गांव में लोगों की आबादी बहुत ज़्यादा है. लेकिन ठंड के महीने में वहां के लोगों को राहत नहीं मिल पाती है. ऐसे में बुजुर्ग औरतों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है. इस बार वहां के एक ग्रामीण ने सोनू सूद से मदद की गुहार लगाई, जिसके जवाब में सोनू ने तुरंत मदद करने की घोषणा कर दी.
कोरोना महामारी के दौरान अभिनेता सोनू सूद कुछ लोगों के लिए मसीहा बनकर आए. उन्होंने लॉकडाउन के दौरान लोगों की हर संभव मदद की है. उन्होंने लॉकडाउन की वजह से अलग-अलग जगहों पर फंसे प्रवासी मजदूरों को अपने घर पहुंचाया. एक बार फिर सोनू लोगों की मदद के लिए सामने आए हैं. ये मामला मिर्ज़ापुर के 20 गांव से जुड़ा हुआ है.
दरअसल, मिर्ज़ापुर के 20 गांव में लोगों की आबादी बहुत ज़्यादा है. लेकिन ठंड के महीने में वहां के लोगों को राहत नहीं मिल पाती है. ऐसे में वहां की बुजुर्ग औरतों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. इस बार वहां के एक ग्रामीण ने सोनू सूद से मदद की गुहार लगाई, जिसके जवाब में सोनू ने तुरंत मदद करने की घोषणा कर दी. सोनू के इस काम की लोग अब तारीफ कर रहे हैं.
विकास दीक्षित ने सोनू से मांगी मदद
विकास दीक्षित नाम के एक ट्विटर यूजर ने ट्वीट किया, वाराणसी से लगभग 80 किमी दूर नक्सल प्रभावित क्षेत्र मिर्ज़ापुर और सोनभद्र के 20 ऐसे गांव हैं जहां बूढ़ी माताएं हर साल इसी उम्मीद से ठंड काट लेती हैं कि कोई फ़रिश्ता उनकी मदद के लिए जरूर आएगा. अब उन बूढ़ी दादी और महिलाओं की आखिरी उम्मीद बस अब आप हो." इस पर सोनू ने जवाब दिया, "अब सभी 20 गांव में किसी को ठंड नहीं लगेगी. उनकी सर्दी का सामान जल्द आप तक पहुंच जाएगा."
लॉन्च हुई सोनू की नई किताब
बता दें कि सोनू सूद की नई किताब "मैं मसीहा नहीं हूं" भी लॉन्च हुई है. कई लोगों ने इस किताब की तारीफ की है. सोनू ने इस किताब में लॉकडाउन के दौरान घटित हुई घटनाओं का जिक्र किया है. इसके अलावा, उन्होंने लॉकडाउन के दौरान कैसे प्रवासी मजदूरों की मदद की, इस बारे में भी बताया है.
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