मुम्बई: शिवसेना के प्रवक्ता संजय राऊत ने हजारों की संख्या में बसों, ट्रेन और प्लेन से प्रवासी मजदूरों को अपने-अपने घरों में पहुंचा रहे सोनू सूद पर रविवार के दिन शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में एक आलेख लिखकर जमकर हमला बोला था. राउत ने सोनू को बीजेपी का आदमी बताकर पर्दे के बाहर भी एक्टिंग करनेवाला शख्स करार दिया था.
आज सोनू सूद ने मुम्बई के बांद्रा टर्मिनस से प्रवासी मजदूरों और उनके परिवार वालों के लिए उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के लिए एक ट्रेन की व्यवस्था की थी. ऐसे में खुद सोनू सूद यहां पर प्रवासी मजदूरों को विदा करने के लिए पहुंचे थे, लेकिन उन्हें प्लेटफॉर्म पर ट्रेन के पास जाकर लोगों को विदा करने की अनुमति नहीं दी गयी.
सोनू सूद तकरीबन 45 मिनट तक बांद्रा टर्मिनस में स्थित आरपीएफ के कार्यालय में बैठे रहे और रेलवे के पुलिस अधिकारियों से चर्चा करते रहे, लेकिन जब वो जब बाहर निकलकर आये, तो तब तक 8.00 बजे छूटनेवाली श्रमिक ट्रेन के छूटने का वक्त हो चुका था. ऐसे में सोनू सूद जब वापस आरपीएफ कार्यालय से स्टेशन के मुख्य गेट पर आये तो उन्हें ऐसे लोगों ने घेर लिया था, जो उस श्रमिक ट्रेन से अपने घरों के लिए नहीं जा पाये थे. स्टेशन के बाहर खड़े लोग सोनू से शिकायत करते नजर आये कि उन्हें इस ट्रेन से जाने के लिए जगह नहीं मिली. ऐसे में सोनू सूद सभी को आश्वासन देते नजर आये कि वे उनके भी जाने की व्यवस्था भी जल्द करेंगे.
मौके पर मौजूद एबीपी न्यूज़ ने जब सोनू सूद से पूछा कि उन्हें आज प्लेटफॉर्म पर जाने की इजाजत क्यों नहीं दी गयी है, तो सोनू ने कहा, "मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि मुझे प्लेटफॉर्म पर जाने मिला या नहीं. मेरा काम मजदूरों को उनके घर भेजना है और मैं उन्हें यहां विश करने आया था."
एबीपी न्यूज़ ने मौके पर मौजूद कुछ पुलिस अधिकारियों से भी जानने की कोशिश की कि आखिर सोनू सूद को प्लेटफॉर्म पर जाकर मजदूरों को विदा करने की इजाजत क्यों नहीं है? ऐसे में इन पुलिस अधिकारियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि मुम्बई रेलवे के डिविजनल मैनेजर की ओर से ही सोनू को आज प्लेटफॉर्म पर जाने अनुमति नहीं दी गयी है.
उल्लेखनीय है कि संजय राऊत द्वारा प्रवासी मजदूरों को अलग-अलग राज्यों में भेजने की सोनू सूद की कोशिशों को ढकोसला और बीजेपी की चाल करार दिया था, तो सोनू सूद ने रात 10.00 बजे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे के निजी आवास 'मातोश्री' में जाकर उनसे मुलाकात की थी. इस मुलाकात के बाद सोनू सूद ने प्रवासी मजदूरों को विभिन्न राज्यों में भेजे जाने के लिए राज्य सरकार सरकार, उद्धव और आदित्य ठाकरे की भी प्रशंसा की थी.
आज जब बांद्रा टर्मिनस पर जब सोनू से संजय राऊत के आलोचनात्मक रवैये के बारे में पूछा गया, तो एक बार फिर से उन्होंने वही बातें दोहराते हुए कहा कि प्रवासी मजदूरों को भेजने के लिए सभी का भरपूर सहयोग मिल रहा है, जिसके लिए वे सभी के शुक्रगुजार हैं.
प्रवासी मजदूरों को भेजने की व्यवस्था में बीजेपी के सहयोग के सवाल पर सोनू ने कहा कि देश के अलग अलग राज्यों में जहां प्रवासी मजदूरों को भेजा जा रहा है, वहां सिर्फ बीजेपी की नहीं, बल्कि अलग पार्टी की सरकारें हैं और उन सबकी मदद से वे लोगों को भेजने के काम को अंजाम दे पा रहे हैं.
बता दें कि 1 जून की रात को सोनू सूद ने मुम्बई से सटे ठाणे से 2 श्रमिक ट्रेनों के जरिए 1000 से ज्यादा श्रमिकों को प्लेटफॉर्म पर जाकर विदा किया था.
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