मुम्बई: लॉकडाउन के दौरान बसों के जरिए हजारों प्रवासी मजदूरों को मुम्बई से देश के विभिन्न राज्यों में पहुंचाकर खूब वाहवाही पा रहे सोनू सूद ने मजदूरों की मदद के लिए रविवार की रात को ट्रेन का सहारा लिया.
दरअसल, सोनू सू्द ने रविवार की रात को मुम्बई से सटे ठाणे से श्रमिक ट्रेन के जरिए 800 से ज्यादा श्रमिकों और उनके परिवार के सदस्यों को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (इलाहाबाद), आजमगढ़, जौनपुर औए हाजीपुर के लिए रवाना किया. उल्लेखनीय है कि जिस तरह से प्रवासी मजदूरों को बसों से रवानगी के वक्त खुद सोनू सूद भी मौजूद रहते हैं, उसी तरह ट्रेन से मजदूरों की रवानगी के वक्त भी खुद सोनू ठाणे स्टेशन पर मौजूद थे.
35 साल पुराने चैरीटी ट्रस्ट के जरिए सोनू सूद के साथ मिलकर प्रवासी मजदूरों को गांवों की ओर भेजनेवाली नीति गोयल ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत करते हुए बताया, "दरअसल हम अपने ट्रस्ट के माध्यम से इकट्ठा हुए पैसों से प्रवासी मजदूरों को उनके गांव भेज रहे हैं, लेकिन ठाणे से श्रमिक ट्रेन में सवार मजदूरों का खर्च खुद रेलवे ने उठाया. लेकिन ट्रेन से गये यह वही मजदूर हैं, जिन्हें हम बसों के जरिए भेजनी की तैयारी कर रहे थे."
नीति ने आगे बताया, "हमें मुम्बई से रवाना होनेवाली श्रमिक ट्रेनों के इंचार्ज सीबी सालुंके यह कहते हुए सामने से फोन आया था कि आज (रविवार को) श्रमिक ट्रेनें छोड़े जाने का आखिरी दिन है और ऐसे में हम चाहें तो बसों से भेजे जानेवाले मजदूरों को श्रमिक ट्रेन से रवाना कर सकते हैं. सामने से आये इस प्रस्ताव पर हमने फौरन हामी भर दी."
बता दें कि सोनू सूद और नीति गोयल ने शुक्रवार के दिन केरल के एर्नाकुलम में फंसी उड़ीसा की 177 लड़कियों को एक विशेष विमान से भुवनेश्वर पहुंचाया था. इसके लिए बंगलुरू से एक विमान खासतौर पर कोच्चि लाया गया था.