'It Happens Only In India' : साल 2020 में कोरोना महामारी ने जिस तरीके से देश में लॉकडाउन लगाया और फिर कोरोना की दोनों लहरों ने जिस तरह हेल्थ सिस्टम की पोल खोली, ऐसे समय सबके मसीहा बनकर सामने एक शख्स आया. ये मसीहा थे बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद. जिन्होंने लाखों प्रवासियों की किसी न किसी तरह मदद की. कोरोना की दूसरी लहर में जरुरतमंदों को हर तरह की सुविधा पहुंचाई, अब सोनू सूद रियल लाइफ हीरो बन चुके हैं. एक ऐसे हीरो जो अपने फैंस को एक अच्छा इंसान बनना सिखा रहे हैं. इसी दिशा में वो एक नया शो भी लेकर आ रहे हैं. इस शो का नाम है 'इट हैपंस ओनली इन इंडिया' (It Happens Only In India) जो कि नेशनल जोग्राफिक में प्रसारित होगा. इस शो के जरिए सोनू सूद उन तमाम लोगो की कहानी बताएंगे, जिन्होंने एक सेटबैक बनाया, जो दूसरों को अच्छा बनने के लिए इंस्पायर करते हैं.
एक इंटरव्यू में सोनू सूद ने बताया कि''मैं हमेशा अपने बच्चों से कहता हूं कि जब हम छोटे थे तो हमारे दादा-दादी हमें 'एक था राजा, एक थी रानी...' जैसी कहानियां सुनाया करते थे. हम हमेशा उन कहानियों को इमेजिन कर आंखों के सामने रखते थे. हम एक बिल्कुल ही अलग दुनिया में पहुंच जाते थे. लेकिन आज दुनिया पूरी तरह से अलग है क्योंकि सोशल मीडिया क्रेज और हजारों दूसरी अजीब चीजें हो रही हैं. मुझे लगता है कि हमने किसी तरह वह दुनिया खो दी है जहां हम उन पुरानी कहानियों को फिर से बता सकते हैं. 'इट हैपन्स ओनली इन इंडिया' के साथ, हम लोगों को उस दुनिया में वापस ले जाने की कोशिश कर रहे हैं, जहां हम देश के आम आदमी की कहानियां सुनाते हैं, जिनकी कहानी बहुतों ने नहीं सुनी है. ये ऐसे हीरो हैं जिन्होंने कई लोगों को प्रेरित किया है, जिन्होंने दुनिया के लिए बहुत कुछ किया है. लेकिन उनका जिक्र कहीं नहीं मिलता क्योंकि लोग फोन में लगे हुए हैं.'
इसके आगे सोनू सूद ने बताया,''मैं पंजाब के गढ़ मोगा का रहने वाला हूं. यह बड़े खुले मैदानों की जगह है और कई साल पहले मेरे परदादा ने अपनी निजी जमीन लोगों को स्कूल और कॉलेज बनाने के लिए दे दी थी, इस बात की परवाह किए बिना कि उनके पास क्या बचेगा. आज, इतने सारे संस्थान, जहां इतने सारे बच्चे पढ़ते हैं वो उस जमीन पर बने हैं जो मेरे परिवार ने दी थी. जब मैं एक नया स्कूल और कॉलेज खोलने की सोचना हूं, तो मुझे एहसास होता है कि इसे बनाना कितना मुश्किल हैं.''
एक्टर ने आगे बताया, ''जब मैं मोगा में उन संस्थानों का दौरा करता हूं और टीचर्स और डीन मुझे दौरे पर ले जाते हैं और कहते हैं कि मेरे दादा और मेरे पिता ने इन जगहों को बनाने में मदद की, तो मैं रुक जाता हूं और सरप्राइज हो जाता हूं.'
बता दें इस दौरान सोनू सूद ने ये तक बताया कि उन्होंने लॉकडाउन और कोरोना काल की कहानी पर एक किताब भी लिखी है. सोनू सूद ने इस इंटरव्यू में एक बड़ी ही प्यारी बात कहीं कि, ‘हुनर तो सभी में होता है. किसी का छुप जाता है तो किसी का छप जाता है''
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