अवैध निर्माण मामला: Sonu Sood ने BMC के खिलाफ दायर याचिका SC से वापस ली, कहा- Justice Prevails
BMC vs Sonu Sood: अभिनेता सोनू सूद पर बीएमसी ने अवैध निर्माण का आरोप लगाया था. मामला हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था. आज अभिनेता ने बीएमसी के खिलाफ दायर अपनी याचिका को वापस ले लिया है. जानिए क्यों
मुंबई के जुहू में अपने फ्लैट में हुए अवैध निर्माण पर बीएमसी के नोटिस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे अभिनेता सोनू सूद ने याचिका वापस ले ली है. इस मामले में 21 जनवरी को बॉम्बे हाईकोर्ट ने बीएमसी के पक्ष में अपना फैसला सुनाय था. इसके बाद एक्टर ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. आज उन्होंने अपनी याचिका वापस ले ली.
सोनू सूद के वकील मुकुल रोहतगी ने कोर्ट को बताया है कि सोनू ने बीएमसी के सामने अपना पक्ष विस्तार से रखा है और उनके निर्णय की प्रतीक्षा करेंगे.
सोनू सूद ने इसके बाद सोशल मीडिया पर एक पोस्ट भी किया जिसमें लिखा है- justice prevails.
एक्टर ने एक लंबा चौड़ा पोस्ट लिखा है, ''मैं जो भी काम किया उसे लीगल तरीके से कराया लेकिन उस बात को गलत तरीके से पेश किया गया. मुझे न्यायाल पर भरोसा है और मैं हमेशा कानून के दायरे में रहकर काम करता हूं. हम बिजनेस भी सही तरीके से करते हैं और कानूनी दायरे में रहकर हर चीज के लिए अनुमति लेने के बाद करते हैं. दुर्भाग्यवश, कुछ ऐसे लोग मेरे साथ रहे जिन्होंने मेरी छवि खराब करने की कोशश की. मैं आप लोगों से अनुरोध करता हूं कि ऐसे लोगों से दूर रहें जो सामाजिक रुप से अच्छा बनने की कोशिश करते हैं लेकिन होते नहीं हैं.'' इसके साथ ही उन्होंने अपनी लीगल टीम को धन्यवाद दिया है. सोनू सूद ने आगे लिखा है- हमेशा की तरह न्याय मिला.
Justice prevails. pic.twitter.com/6qsG60ofyK
— sonu sood (@SonuSood) February 5, 2021
क्या है मामला बीएमसी ने पिछले साल अक्टूबर में सोनू सूद को नोटिस जारी किया था. बीएमसी ने अपने नोटिस में आरोप लगाया था कि सूद ने छह मंजिला 'शक्ति सागर' रिहायशी इमारत में ढांचागत बदलाव कर उसे होटल में तब्दील कर दिया.
बॉम्बे हाईकोर्ट में क्या हुआ बीएमसी द्वारा हाई कोर्ट में दी गयी याचिका के मुताबिक सोनू सूद 'आदतन' बीएमसी के नियमों की उल्लंघन करते रहे हैं और कई बार अवैध निर्माण कार्य को ध्वस्त करने के बावजूद उसी जगह पर फिर से निर्माण कार्य करते रहे हैं.
बॉम्बे हाईकोर्ट में सोनू ने अपने घर में हुए निर्माण पर बीएमसी के नोटिस को निरस्त करने की मांग की थी. बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोनू की इस याचिका को खारिज कर दिया था. सूद के वकील अमोघ सिंह ने बीएमसी द्वारा जारी नोटिस का पालन करने के लिए 10 सप्ताह का समय मांगा था और अदालत से अनुरोध किया था कि वह नगर निकाय को इमारत ढहाने का कदम नहीं उठाने का निर्देश दे. अदालत ने इस अनुरोध को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और कहा कि अभिनेता के पास ऐसा करने का पहले पर्याप्त समय था
कुछ दिनों पहले एबीपी न्यूज़ ने सोनू सूद से बीएमसी के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, "मैं जैसे कहा कि यह मामला फिलहाल कोर्ट में है और यकीनन जैसे वो गाइड करेंगे... मैं सभी नियमों का पालन करूंगा. कोर्ट के ऊपर तो कुछ नहीं होता है. मैं हमेशा से ही कानूनों का सम्मान करता रहा हूं और करता रहूंगा."
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