Vijayashanti Life Facts: साउथ और बॉलीवुड फिल्मों की जानी-मानी एक्ट्रेस विजयाशांति (Vijayashanti) 56 साल की हो गई. एक्ट्रेस का जन्म 24 जून, 1966 को हुआ था. अभिनय की दुनिया में नाम कमाने के साथ एक्ट्रेस पॉलिटिक्स में भी सक्रिय हैं. कई अलग-अलग भाषाओं की फिल्मों में काम करने वाली विजयाशांति को साउथ फिल्मों की 'लेडी सुपरस्टार' और लेडी अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) भी कहा जाता है. एक्ट्रेस को फिल्म 1991 में आयी फिल्म 'कर्तव्यम्' के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का नेशनल अवॉर्ड भी मिला था. तेलुगु फिल्मों में अपने अभिनय के लिए एक्ट्रेस ने पांच बार फिल्मफेयर अवॉर्ड भी जीता है. विजयाशांति ने हाई स्कूल पास करने के बाद से ही अपने फिल्मी करियर की शुरुआत कर दी थी.
एक्ट्रेस ने 1980 में रिलीज हुई तमिल फिल्म 'कल्लुकूल इरम' से एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा था. इसी साल अभिनेत्री ने फिल्म 'खिलाड़ी कृष्णाडू' से अपना तेलुगु डेब्यू किया था. तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री में लगातार काम करने की वजह से एक्ट्रेस को तेलुगु फिल्मों की ग्लैमरस क्वीन का खिताब मिला. ग्लैमर और एक्शन का डेडली कॉम्बिनेशन विजयाशांति फिल्मों में ऑलराउंडर अभिनेत्री के रूप में जानी जाती हैं. उन्होंने पर्दे पर सिर्फ अदाकारी दिखाने वाले रोल्स ही नहीं किए बल्कि फिल्मों में एक्शन लेडी की भूमिका भी जबरदस्त तरीके से निभाई है. कई फिल्मों में एक्ट्रेस ने पुलिस अफसर का भी किरदार निभाया हैं.
विजयाशांति ने फेमस एक्टर चिरंजीवी के साथ कुल 19 और एक्टर बालाकृष्णा के साथ 16 फिल्मों में काम किया है. एक्ट्रेस ने फिल्म 'मन्नान' में तमिल सुपरस्टार रजनीकांत के साथ और फिल्म 'इंड्राडु चंड्राडु' में कमल हसन के साथ काम किया है. उन्होंने 'चैलेंज', 'पासीवादी प्रणाम', 'मुदुला कृष्णैया', 'अग्नि पवित्रम्', 'यामुडिकी मोगुडु', 'अधाकू यामुडू अमायकी मोगुडु', 'मुदुला मावाया', 'कॉन्डाविती डोंगा', 'गैंग लीडर' जैसी तमाम फिल्मों में काम किया है. विजयाशांति ने फिल्म 'ईश्वर' से अपना बॉलीवुड डेब्यू किया था.
फिल्मों में अपने जबरदस्त अभिनय का परिचय देने के बाद एक्ट्रेस ने राजनीति में कदम रखा. साल 1998 में विजयशांति भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गईं, जिसके बाद उन्हें बीजेपी वुमंस विंग की सेक्रेटरी का पद मिला था. साल 2014 में एक्ट्रेस कांग्रेस से जुड़ गईं, जिसके बाद पार्टी के टिकट पर अभिनेत्री ने लोक सभा चुनाव भी लड़े थे. 2020 में विजया शांति कांग्रेस से इस्तीफा देकर एक बार फिर भाजपा से जुड़ गईं.
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