ABP Southern Rising Summit 2023: मैंने मणिरत्नम को पोन्नियिन सेल्वन बनाने के लिए मना किया था, जानें क्यों पत्नी सुहासिनी ने कही थी ऐसी बात
ABP Southern Rising Summit 2023 में भाग लेने के लिए भारतीय अभिनेत्री और फिल्म डायरेक्टर सुहासिनी मणिरत्नम भी इस दौरान उन्होंने साउथ सिनेमा से लेकर बॉलीवुड फिल्मों तक पर बात की.
ABP Southern Rising Summit 2023 : एबीपी सदर्न राइजिंग समिट में भाग लेने के लिए भारतीय अभिनेत्री और फिल्म डायरेक्टर सुहासिनी मणिरत्नम भी पहुंचीं. इस दौरान उन्होंने साउथ सिनेमा से लेकर बॉलीवुड फिल्मों तक पर बात की. सुहासिनी ने उस वक्त को भी याद किया जब कोविड के दौरान उन्होंने फिल्में बनाई थीं और किस तरह शूटिंग किया करती थीं. इस दौरान एक्ट्रेस से पूछा गया कि आप कमल हासन की नीस हैं और मणिरतन्म की पत्नी हैं. उनके साथ रहना क्या आपके लिए एक फुल टाइम जॉब की तरह है?
इस सवाल पर डायरेक्टर ने कहा, 'ये फुल टाइम जॉब से कहीं ज्यादा है. ये 24 घंटे की नौकरी है. जब मैं 20 साल की थी तब हॉर्मोन्स अलग तरह से काम करते थे, लेकिन जब आपका परिवार बनता है तो आप बदल जाते हैं. आज जो मैं हूं मैं वैसी पहली नहीं थी आज मैं पूरी तरह बदल चुकी हूं, लेकिन अपनी मर्जी से, मुझपर किसी ने कोई दबाव नहीं डाला'.
Ponniyin Selvan बनाने से किया था मना
सुहासिनी ने सुपरहिट फिल्म पोन्नियिन सेलवन का जिक्र किया. उन्होंने बताया कि, "मैंने मणिरत्नम से यह फिल्म नहीं बनाने के लिए कहा था. इससे पहले बनाई गई कई राजनीतिक-ऐतिहासिक फिल्मों की विफलता के बाद मैं आश्वस्त थी कि इस तरह के विचार काम नहीं करेंगे. क्योंकि पॉलिटिक्स पर बनी फिल्म ईरूअर का रिस्पॉन्स देखकर मैं बहुत निराश थी. मैं उस फिल्म की राइटर थी. लेकिन पोन्नियिन सेल्वन की रिलीज़ के बाद मुझे एहसास हुआ की मैं गलत थी. वो फिल्म नहीं एक तरह का जश्न था.'
बॉक्स ऑफिस की रेस को सुहासिनी ने बताया घिनौना :
सुहासिनी ने खुलासा किया कि 'कमल हसन और मणिरत्नम 35 साल बाद एक साथ काम करने जा रहे हैं और ये दोनों ही ऐसे हैं जो बॉक्स ऑफिस की चिंता नहीं करते चाहें फिल्म फ्लॉप हो या हिट.' आजकल फिल्मों के लिए बॉक्स ऑफिस बहुत मायने रखता है क्या ये वल्गर नहीं है? इस सवाल पर सुहासिनी ने कहा कि 'ये वल्गर नहीं घिनौना है. आप फिल्म को सक्सेसफुल कह सकते हैं, एवरेज कह सकते हैं, कम सक्सेसफुल कह सकते हैं हमारे जमाने में तो किसी फिल्म को फ्लॉप कहा ही नहीं जाता था.'