Karnataka Women Commission Meeting: बीते दिनों मलयालम सिनेमा में महिलाओं और एक्ट्रेसेस की स्थिति को बताने वाली हेमा समिति की रिपोर्ट काफी चर्चा में रही थी. वहीं अब कन्नड़ सिनेमा में यौन शोषण और अन्य दुर्व्यवहार से निपटने के लिए कर्नाटक महिला आयोग ने कन्नड़ फिल्म चैंबर के साथ एक मीटिंग का आयोजन किया.


बताया जाता हैं कि पहले कन्नड़ फिल्म चैंबर नहीं छटा था कि यौन शोषण जैसे मुद्दों के लिए किसी कमेटी का गठन किया जाए. हालांकि कर्नाटक राज्य महिला आयोग ने सवाल किया है कि, इस मुद्दे पर किसी तरह का एक्शन लेना या फिर कोई कमेटी बनाना ये सम्भव क्यों नहीं है. 


आयोग ने कन्नड़ सिनेमा को दिया 15 दिन का टाइम


आयोग ने कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री को 15 दिन का समय दिया है. आयोग ने कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री से कहा है कि, 15 दिन में पीओएसएच (प्रिवेंशन ऑफ सेक्सुअल हैरेसमेंट) प्लान के साथ आए. फिल्म इंडस्ट्री फॉर राइट्स एंड इक्वेलिटी के अध्यक्ष लंकेश ने बताया कि आयोग इस पर विचार करेगा और हेमा समिति की तरह एक पैनल भी बना सकता है.


महिलाओं को न्याय दिलाने की लड़ाई में एक छोटा कदम


कविता लंकेश ने आगे कहा कि, 'यह फिल्म उद्योग में महिलाओं को न्याय दिलाने की लड़ाई में एक छोटा कदम है. और आज वास्तव में ऐसा महसूस हुआ कि हम इस छोटे से लाभ के लिए भी लड़ाई में थे.' इसके अलावा लंकेश ने ये जानकारी भी दी कि कर्नाटक राज्य महिला आयोग ने इंडस्ट्री में मौजूद महिलाओं के लिए एक सर्वे कराने का फैसला भी लिया है. कविता लंकेश ने आगे बताया कि, 'एक हेल्पलाइन नंबर के बिना, महिलाओं या श्रमिकों, जिनका भी शोषण किया जाता है, के पास जाने के लिए कोई जगह नहीं थी. अब, हेमा समिति की रिपोर्ट जारी होने के बाद सभी दबाव और प्रोत्साहन के बाद, हम कम से कम यहां तक ​​आ गए हैं.'


आयोग का 17 सूत्री एजेंडा 


इसके अलावा कर्नाटक महिला आयोग ने एक 17 सूत्री एजेंडा पेश किया है. कर्नाटक फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स के डायरेक्टर एन एम सुरेश ने बताया कि, 'एक बार जब वे इन 17 मांगों को एक पत्र के रूप में भेज देंगे, तो हम अपने बीच एक बैठक बुलाएंगे और आगे चर्चा करेंगे. बात यह है कि, कन्नड़ उद्योग में कोई भी महिला अब तक हमारे पास किसी के खिलाफ औपचारिक शिकायत करने के लिए आगे नहीं आई है. न ही महिलाओं की ओर से इंडस्ट्री की महिलाओं की ओर से दर्ज की गई किसी भी शिकायत को आयोग को सौंपना होगा, इसलिए हमें यह देखना होगा कि क्या हमें वास्तव में हेमा समिति जैसी समिति की जरूरत है, इन चीजों पर हम जल्द ही चर्चा करेंगे.'


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