हेमा समिति रिपोर्ट पर सुपरस्टार Mammootty ने तोड़ी चुप्पी, बोले- सिनेमा में कोई पावर ग्रुप नहीं, अब समय आ गया है कि..'
Mammootty On Hema Committee Report: हेमा समिति की रिपोर्ट पर अब मलयालम सुपरस्टार ममूटी ने भी चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने कहा है कि सिनेमा में कोई पावर ग्रुप नहीं है.
Mammootty On Hema Committee Report: मलयालम फिल्म उद्योग पर हेमा समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के कुछ दिनों बाद भी चुप्पी साधने वाले सुपरस्टार ममूटी ने कहा कि सिनेमा में कोई पावर ग्रुप नहीं है. हेमा समिति ने मलयालम फिल्म उद्योग में 15 सदस्यीय पावर ग्रुप का उल्लेख किया है. मलयालम फिल्म उद्योग के एक अन्य सुपरस्टार मोहनलाल द्वारा शनिवार को हेमा समिति की रिपोर्ट के संबंध में मीडिया से बात करने के बाद ममूटी ने अपनी चुप्पी तोड़ी. दोनों सुपरस्टार्स को हेमा समिति की रिपोर्ट पर चुप रहने के लिए सार्वजनिक रूप से ट्रोलिंग का सामना करना पड़ रहा है, जिसे 19 अगस्त को सार्वजनिक किया गया था.
मोहनलाल ने शनिवार को रिपोर्ट का स्वागत किया था और कहा कि फिल्में समाज का केवल एक हिस्सा हैं और सभी क्षेत्रों में ऐसे मुद्दे हैं. वहीं सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में ममूटी ने हेमा समिति की रिपोर्ट का स्वागत करते हुए कहा कि वह अपने विचार व्यक्त करने से पहले मलयालम मूवी आर्टिस्ट एसोसिएशन और उसके नेतृत्व की राय का इंतजार कर रहे थे.
समाज में होने वाली सभी चीजें सिनेमा में भी दिखाई देंगी
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सुपरस्टार ममूटी ने कहा, 'समाज में होने वाली सभी अच्छी और बुरी चीजें सिनेमा में भी दिखाई देंगी क्योंकि इसमें काम करने वाले लोग समाज का एक हिस्सा ही होते हैं. लेकिन फिल्म उद्योग हमेशा जनता की निगाहों में रहता है, इसलिए महत्वपूर्ण और महत्वहीन घटनाएं चर्चा का विषय बन जाती हैं.' उन्होंने फिल्म उद्योग के पेशेवरों से सावधान और सतर्क रहने का आह्वान किया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि इस क्षेत्र में कोई बुरी घटना न घटे.
जो घटना हुई वो नहीं होनी चाहिए थी
उन्होंने कहा कि, 'सरकार ने उद्योग की स्टडी और रिपोर्ट बनाने के लिए हेमा समिति का गठन किया, यह एक घटना के बाद हुआ जो कभी नहीं होनी चाहिए थी. मलयालम सुपरस्टार ने यह भी बताया कि यह उद्योग उस रिपोर्ट में दी गई सिफारिशों और समाधानों का पूरे दिल से स्वागत और समर्थन करता है. अब समय आ गया है कि फिल्म उद्योग के सभी संघ मिलकर उन्हें लागू करें.
एक्टर ने अपनी बात रखते हुए आगे बताया कि, हाल ही में लगाए गए आरोपों पर पुलिस जांच प्रभावी ढंग से आगे बढ़ रही है और उम्मीद है कि पुलिस ईमानदारी से इसकी जांच करेगी. अदालत को सजा तय करने दें. समिति की रिपोर्ट की व्यावहारिक सिफारिशों को लागू किया जाना चाहिए और यदि कानूनी बाधाएं हैं तो जरूर कानून बनाए जाने चाहिए.