Nandamuri Balakrishna Unknown Facts: इन दिनों सिनेमा के रुपहले पर्दे पर 'भगवंत केसरी' बनकर धमाल मचा रहे नंदमुरी बालकृष्ण किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. उनका नाम साउथ के श्रेष्ठ अभिनेताओं में होता है. उनकी गुणवत्ता का आलम यह है कि वह एक नहीं दो नहीं बल्कि तीन बार 'नंदी अवॉर्ड' से सम्मानित किए जा चुके हैं. तेलुगु फिल्मों में अपने अभिनय का जादू चलाने वाले नंदमुरी बालकृष्ण के अभिनय की दुनिया दीवानी है.


फिल्म पिच पर चौके-छक्के लगाने वाले नंदमुरी बालकृष्ण राजनीति के ग्राउंड पर भी अपना जौहर दिखा चुके हैं. चलिए विस्तार से जानते हैं 'भगवंत केसरी' के जरिए लोगों को लुभाने के लिए लौटे अभिनेता के बारे में..


पिता की विरासत को बढ़ाया आगे  
कहावत है कि एक बेटा ही अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाता है और यह कहावत नंदमुरी बालकृष्ण के ऊपर बिल्कुल सटीक बैठती है. पिछले कई दशकों से साउथ सिनेमा में सक्रिय रहे एनटीआर परिवार के चश्मोचिराग नंदमुरी बालकृष्ण, एनटीआर और उनकी पत्नी बसवतारकम की छठी संतान हैं. हैदराबाद के कॉलेज में पढ़ाई के दौरान नंदमुरी बालकृष्ण का आमना-सामना सिनेमा की दुनिया से हुआ और फिर वह इसे कुछ इस तरह रच बस गए कि उनकी गिनती तेलुगु सिनेमा के दिग्गज कलाकारों में होने लगी. यह कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा कि नंदमुरी ने अपने पिता की विरासत को बेहद शानदार अंदाज में संभाला है. 


14 साल की उम्र में किया डेब्यू
एक से बढ़कर एक फिल्में करके लोगों का दिल जीतने वाले नंदमुरी बालकृष्ण को उनके फैंस एनबीके या बालकृष्ण के नाम से पुकारते हैं. लेकिन इन दोनों के अलावा एक और नाम है, जिसे जरिए अभिनेता फैंस उनके के लिए अपना प्यार जाहिर करते हैं. महज 14 साल की उम्र में अपने ही पिता के निर्देशन में बनी फिल्म 'ततम्मा कला' से डेब्यू करने वाले नंदमुरी बालकृष्ण को उनके फैंस प्यार से 'मन बलैया' के नाम से पुकारते हैं. नंदमुरी ने बतौर मुख्य अभिनेता अपना करियर 984 में आई फिल्म 'सहसामे जीवथम' से शुरू किया था. इस फिल्म ने नंदमुरी को सिनेमा में कुछ इस तरह चमकाया कि आज भी उनकी यह चमक बरकरार है.  


फिल्मों से लेकर राजनीति तक चमकाई किस्मत
'सहसामे जीवथम' में काम करने के बाद नंदमुरी ने रुकने का नाम नहीं लिया और अपने खाते में 100 से भी ज्यादा फिल्में दर्ज कीं. वह फिल्मों में इस कदर छाए हुए थे कि एक बार तो एक फिल्म में अभिनेता ने अपने रियल पिता एनटीआर के भाई की भूमिका निभाई थी. इतना ही नहीं बालकृष्ण ने अपने बड़े भाई के बेटे का किरदार भी निभा रखा है.


फिल्मों में सिक्का जमाने के बाद 'मन बलैया' ने साल 2014 में राजनीति का दामन थामा और चुनाव लड़ा. फिल्मी दुनिया की तरह ही इस क्षेत्र में भी नंदमुरी बालकृष्ण को जीत हासिल हुई थी. अभिनेता का जलवा अभी भी कायम है, जो फैंस का उनकी हाल ही में रिलीज हुई फिल्म 'भगवंत केसरी' के लिए क्रेज देखने को मिल रहा है.


Ramayan में रावण बनने के लिए KGF स्टार Yash ले रहे हैं भारी भरकम फीस? रकम सुनकर उड़ जाएंगे होश