Flashback Friday: 'बवंडर, टाइगर और भूकंप के खानदान से हैं रजनीकांत', गोली मारकर सिगरेट और कोई जला भी नहीं सकता
Flashback Friday: जब वो पर्दे पर अपने ही सेट किए गए तरीके से कहते हैं, ''क्या रे सेटिंग किया है? हाहाहा'', तो समझो तालियां और सीटियां तो बजनी ही हैं. इसे ही 'रजनीकांत इफेक्ट' कहते हैं.
Flashback Friday: फिल्मों से जोड़कर अगर कोई जोक मार रहा है तो रजनीकांत का नाम जरूर आता है. जोक भी सुन लीजिए- चांद अधूरा है, रजनी सर से बोल दो पूरा कर देंगे, सूरज ज्यादा गर्म है रजनी सर से बोल दो ठंडा कर देंगे. गूगल का जन्म कैसे हुआ...जवाब है रजनी सर ने एक बार सोचा लोगों की भलाई के लिए अपने दिमाग का 1 प्रतिशत दे देता हूं और बस पैदा हो गया गूगल.
ऐसे जोक्स सिर्फ रजनीकांत को लेकर ही क्यों बनते हैं. जबकि एक्शन तो हर दूसरा एक्टर कर रहा होता है. ऐसा क्या खास है कि उनके नाम पर बने एक पेज पर आज कई मिलियन्स फॉलोवर हैं? इसी देश में शाहरुख खान और अमिताभ बच्चन जैसे एक्टर्स हैं, तो रजनीकांत की पॉपुलैरिटी का ये आलम कैसे है? बहुत ज्यादा हिंदी फिल्मों में दिखे भी नहीं, फिर भी हर हिंदी दर्शक उनको जानता है. उनका फैन है. अब ऐसे रजनी सर के बारे में बात करनी तो बनती ही है.
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एक जैसी ही भूमिकाएं और एक जैसी एक्टिंग फिर भी क्यों अलग हैं रजनी?
आपने रजनीकांत की हिंदी या हिंदी डब्ड साउथ इंडियन फिल्में तो देखी ही होंगी. और गौर कीजिए कि क्या आपको कभी वो अपनी इमेज से हटकर रोल करते दिखे हाल-फिलहाल में या पहले कभी? जवाब यही होगा कि कुछ एक बार शायद. तो फिर ऐसा क्या खास है रजनी सर में, जो उन्हें एक जैसा होने के बावजूद भी अलग बनाता है. तो वो है उनका करिश्मा जो उन्होंने खुद से क्रिएट किया है.
उन्होंने बहुत ज्यादा एक्सपेरिमेंट नहीं किए, लेकिन जो कुछ भी किया वो उनसे पहले भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में कभी किसी ने नहीं किया था. सिगरेट जलाने का स्टाइल आज जो दक्षिण भारतीय फिल्मों में अलग-अलग एक्टर करते दिखते हैं, असल में वो रजनी सर को ही कॉपी कर रहे होते हैं. पूरी दुनिया में क्या कभी किसी ने सोचा होगा कि हवा में उछालकर पिस्टल से फायर करके भी सिगरेट जलाई जा सकती है?
रजनी सर ने सेट किया है ट्रेडमार्क
विलेन की पिटाई करते समय चेहरे की भावभंगिमाएं ऐसी होती हैं, जैसे वो सिर्फ देखकर ही विलेन को जमीन पर पटक देंगे. साल 2000 की फिल्म 'बुलंदी' में एक्शन तो अनिल कपूर भी कर रहे थे और शक्ति कपूर भी, लेकिन लोगों को याद रहा रजनी सर का हाथ में साफा डालने का तरीका. 1989 की फिल्म 'चालबाज' में सनी देओल थे, लेकिन रजनी सर यहां भी अपने ही तरह के एक्शन करते दिखे.
जो एक्शन उन पर फिल्माए जाते हैं या जो कुछ भी वो इंप्रोवाइज करते हैं जैसे सिगरेट जलाने का तरीका, च्यूइंग गम खाने का तरीका या विलेन को पीटने का तरीका, वो सब कुछ अगर कोई और करता दिखता तो वो उतना प्रभावी न होता या फिर शायद किसी स्पूफ जैसा लगता. लेकिन रजनी सर जब भी ऐसा कुछ करते हैं तो वो फबता है उन पर. आजकल बहुत से सीन अपग्रेडेड टेक्नॉलजी की मदद से क्रिएट कर लिए जाते हैं. लेकिन रजनीकांत ने ये सब बिना किसी टेक्नॉलजी के 70 के दशक से ही शुरू कर दिया था.
रजनी सर सोशल मीडिया से दूर रहने वाले एक्टर्स में से हैं. लेकिन एक दिन उन्होंने सोचा चलो एक इंस्टा आईडी बना ही लेते हैं. उन्होंने ठीक 6 साल पहले एक आईडी बनाई और एक फोटो भी डाल दी फिर पोस्ट करना ही छोड़ दिया. सिर्फ इतने में ही 12 मिलियन फॉलोवर्स हैं. और ये मजाक बिल्कुल भी नहीं है.
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सुपरस्टार रजनी से पहले कंडक्टर रजनी भी किया करता था ऐसा ही
रजनीकांत का असली नाम शिवाजी राव गायकवाड़ है. रजनी सर की घर की हालत ठीक न होने की वजह से उन्होंने कुली और बस कंडक्टर का काम भी किया है. रजनीकांत स्टार बनने से पहले ही स्टार बन चुके थे, क्योंकि उनका टिकट काटने का तरीका अलग होता था. ड्राइवर्स, कंडक्टर और सवारी सब उनके फैन हो जाते थे. उनके अंदर अलग तरह का स्टाइल पहले से ही था. यही वजह है कि जब पर्दे पर वो ऐसा कुछ करते दिखते हैं तो वो नैचुरल लगता है.
द सैटनिक पैनिक जैसी फिल्म के राइटर और प्रोड्यूसर जर्नलिस्ट ग्रेडी हेंड्रिक्स ने स्लेट के लिए लिखे अपने एक आर्टिकल में रजनीकांत के बारे में कहा था, ''सुपरस्टार रजनी वो सबसे बड़े फिल्म स्टार हैं जिनके बारे में आपने शायद कभी नहीं सुना होगा.'' उन्होंने रजनी सर के बारे में लिखा था कि रजनी अच्छे-बुरे से, आलोचनाओं और निंदा से परे हैं.
'बवंडर, टाइगर और भूकंप के खानदान से हैं रजनी'
ये आर्टिकल हेंड्रिक्स ने रजनी की फिल्म रोबोट के रिलीज से कुछ पहले लिखी थी. रजनी सर को लेकर वो आर्टिकल में लिखते हैं, ''टाइगर और बवंडर के मिलन से जो बच्चा पैदा हो. उस बच्चे और भूकंप की शादी कराई जाए, फिर जो बच्चा पैदा हो वो हैं रजनी सर.'' उन्होंने ये भी लिखा था कि रजनीकांत एक गंजे और ऐसी मूछें रखने वाले इंसान हैं, जो 1986 से पहले ही स्टाइल से हट गई हैं. लेकिन वो एक 'असली मर्द' हैं.
द न्यूयॉर्क टाइम्स ने जब छापी थी रजनी सर की वजह से हुई दूध की कमी पर खबर
साल 2016 में रजनी की फिल्म कबाली के रिलीज के दौरान तमिलनाडु में दूध की कमी इसलिए हो गई थी, क्योंकि उनके फैंस उनके पोस्टर्स पर दूध चढ़ा रहे थे. और इस स्टोरी को अमेरिका के द न्यूयॉर्क टाइम्स में भी जगह मिली थी.
सही मायने में रजनी सर दुनिया के सबसे बड़े स्टार्स में से एक हैं, क्योंकि उनका अपना ट्रेडमार्क है और वो उसे ही फॉलो करते हैं. शाहरुख खान जैसे दिग्गज उन्हें ट्रिब्यूट देने के लिए 'लुंगी डांस' जैसे गाने पर यूं नहीं थिरकते. रजनी सर फिर से 9 फरवरी को थिएटर्स में आकर 'लाल सलाम' के जरिए फैंस की आंखों में चमक पैदा करने वाले हैं.