Ravi Teja: कभी एक-एक रुपये के लिए तरसते थे रवि तेजा, अब देश के सबसे बड़े 'चोर' बन चुरा रहे फैंस का दिल
Ravi Teja Movies: साउथ के सुपरस्टार्स में शुमार रवि तेजा की हीरो बनने की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है. गरीबी में बीते बचपन से अभिनेता ने कैसे इंडस्ट्री में मुकाम बनाया, वह काबिल-ए-तारीफ है.
Ravi Teja Unknown Facts: दक्षिण भारतीय फिल्मों के सितारे भी आज के समय में हिंदी पट्टी के लोगों के बीच उतने ही मशहूर हैं, जितने बॉलीवुड सेलेब्स हुआ करते हैं. एक से बढ़कर एक साउथ एक्टर अब हिंदी पट्टी के दर्शकों को लुभाने के लिए पैन इंडिया फिल्में बना कहा है और अब इनमें एक और दिग्गज का नाम शामिल हो गया है.
साउथ का यह दिग्गज कलाकार कोई और नहीं बल्कि सबके चहेते और पिछले करीब तीन दशक से लोगों के दिलों पर राज कर रहे रवि तेजा हैं. जहां आज के समय में रवि तेजा को लोग दिग्गज कलाकार के रूप में जानते हैं, वहीं एक समय ऐसा भी था जब वह दाने-दाने के लिए मोहताज थे. तो चलिए जानते हैं उस अभिनेता की इंस्पायरिंग स्टोरी के बारे में, जो इन दिनों अपनी हाल ही में रिलीज हुई फिल्म 'टाइगर नागेश्वर राव' के लिए सुर्खियां बटोर रहे हैं.
बचपन पर रहा गरीबी का साया
सिनेमा की दुनिया में एक मुकाम हासिल करना बहुत ही मुश्किल होता है. कहते हैं पर्दे पर चमकने के लिए हर रोज न जाने कितने लोग ऑडिशन देने पहुंचते हैं, लेकिन सफल बहुत ही कम हुआ करते हैं. रवि तेजा का हाल भी कुछ ऐसा ही था. नॉन फिल्मी बैकग्राउंड से ताल्लुक रखने वाले रवि तेजा ने सोने की तरह तपकर आज यह मुकाम पाया है कि लोग उन्हें दिग्गज अभिनेताओं की श्रेणी में गिनते हैं.
मुश्किल थी पढ़ाई की राह
बेशक आज उनके अभिनय के चर्चे पूरे भारत में होते हों, लेकिन किसी जमाने में वह काम पाने के लिए जद्दोजहद किया करते थे. दरअसल, रविशंकर राजू भूपतिराजू उर्फ रवि तेजा का बचपन बेहद गरीबी में बीता था. बेहद मुश्किलों में पढ़ाई करने के बाद रवि तेजा नौकरी करने के लिए चेन्नई आए और इसी दौरान उन्हें किसी ने फिल्मों में काम करने की सलाह दी थी.
फिल्मों में डेब्यू के बाद भी हाल रहा बेहाल
साल 1990 में रिलीज हुई फिल्म 'कर्तव्यम' से इंडस्ट्री में कदम रखा था. सह-कलाकार के रूप में करियर की शुरुआत करने वाले रवि तेजा की किस्मत नहीं चमकी और पहली ही फिल्म के बाद उन्हें काम मिलना बंद हो गया था. यह ऐसा समय था जब रवि तेजा ने फिल्मों में छोटे-मोटे रोल करके गुजारा करना शुरू किया. लेकिन कहते हैं न भगवान के घर देर हैं अंधेर नहीं. साल 1996 में रवि तेजा की मुलाकात कृष्ण वाम्सी से हुई और यहीं से अभिनेता की किस्मत ने पलटी मारी थी.
वाम्सी के साथ रवि तेजा ने फिल्म 'नेने पल्लदुथा' में बतौर असिस्टेंट निर्देशक काम किया, जिससे डायरेक्टर बहुत खुश हुए थे. वाम्सी के दिमाग में रवि तेजा कुछ इस तरह उतरे कि निर्देशक ने अगले ही साल अभिनेता को अपनी फिल्म 'सिंधुरम' में मुख्य अभिनेता का रोल ऑफर किया और किस्मत का खेल देखिए फिल्म टिकट खिड़की पर हिट साबित हुई. फिल्म हिट होने के साथ ही उन्हें इसके लिए नेशनल अवॉर्ड भी मिला था.
वाम्सी-रवि की जोड़ी का कमाल
वाम्सी की फिल्म में चमकने के बाद रवि तेजा के पास फिल्मों की लाइन लग गई थी. इंडस्ट्री में अपनी किस्मत और अभिनय से सभी का दिल जीतने वाले रवि तेजा को अब हर कोई पहचानने लगा था. उन्होंने एक से बढ़कर एक फिल्मों में काम किया, जो सुपरहिट भी रहीं. इस समय वह पूरे भारत में देश का सबसे बड़ा चोर बनकर धमाल मचा रहे हैं.
'टाइगर नागेश्वर राव' में बने चोर!
हाल ही में अभिनेता की फिल्म 'टाइगर नागेश्वर राव' रिलीज हुई है, जिसमें उन्होंने भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के घर जाकर चोरी करने वाले चोर का किरदार निभाया है. फिल्म इस समय पूरे देश के फैंस के बीच धमाल मचा रही है. फिल्म के जरिए वाम्सी और रवि तेजा की जोड़ी एक बार फिर दर्शकों के बीच लौटी है, जिसे सभी पसंद कर रहे हैं.
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