Sai Pallavi Unknown Facts: चंदन सा बदन, चंचल चितवन... धीरे से तेरा ये मुस्काना.... मुझे दोष न देना जगवालों... हो जाए अगर दिल दीवाना... यह गाना भले ही कल्याणजी-आनंदजी और इंदीवर के दिलकश लफ्जों में पिरोया गया है और लता मंगेशकर की सुरीली आवाज से सजा है, लेकिन हर दिल अजीज साई पल्लवी पर एकदम सटीक बैठता है. दरअसल, बात सिर्फ सूरत की नहीं, बल्कि सीरत की भी है. साई पल्लवी ने अपनी जिंदगी में ऐसे तमाम फैसले लिए हैं, जो आपको उनका दीवाना बना देगा. बर्थडे स्पेशल में जानते हैं उनके कुछ किस्से...


… तो एक्ट्रेस नहीं, डॉक्टर होतीं साई पल्लवी


9 मई 1992 के दिन तमिलनाडु के कोटगिरी में जन्मी साई पल्लवी सिनेमा की दुनिया में कभी आना ही नहीं चाहती थीं. दरअसल, साई पल्लवी प्रोफेशनल डॉक्टर हैं. उनके पास मेडिसिन में ग्रैजुएशन की डिग्री है. वह कार्डियोलॉजिस्ट बनना चाहती थीं. 2014 में जब उनकी पढ़ाई चल रही थी, उस वक्त उन्हें फिल्म प्रेमम में मलार की भूमिका के लिए ऑफर मिला. इस फिल्म के लिए उन्हें साउथ का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था, जिसके बाद साई पल्लवी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा.


जब लव लेटर पर पड़ी मार


साई पल्लवी की जिंदगी का एक किस्सा ऐसा भी है, जब उनकी जमकर पिटाई हुई थी. यह किस्सा एक्ट्रेस ने खुद साझा किया था. दरअसल, जब साई पल्लवी सातवीं में पढ़ती थीं, तब उन्होंने एक लड़के के लिए लव लेटर लिखा था, जो उनके घरवालों को मिल गया. इसके बाद उन्हें जमकर पीटा गया. उन्होंने यह किस्सा विराट पर्वम फिल्म के एक सीन का हवाला देते हुए सुनाया था.


करोड़ों के विज्ञापन से किया इनकार


साई पल्लवी को एक फेयरनेस क्रीम का विज्ञापन करने के लिए दो करोड़ रुपये ऑफर किए गए थे, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था. उन्होंने कहा था, 'साई पल्लवी ने कहा, 'मैं इस तरह के विज्ञापन से मिलने वाले पैसे का क्या करूंगी? मैं घर जाऊंगी और तीन चपाती या चावल खाऊंगी. मैं कह सकती हूं कि हमारे पास जो मानक हैं, वे गलत हैं. यह भारतीय रंग है. हम विदेशियों के पास नहीं जा सकते हैं और उनसे पूछ सकते हैं कि वे गोरे क्यों हैं? यह उनका स्किन कलर है और यह हमारा है.'


धर्म पर बयान देकर झेली तकरार


अपनी एक्टिंग और फैसलों को लेकर हमेशा तारीफ बटोरने वाली साई पल्लवी विवादों में भी फंस चुकी हैं. दरअसल, उन्होंने धर्म के नाम पर हो रही हिंसा की आलोचना की थी. साई पल्लवी ने कश्मीरी पंडितों के पलायन और उन पर हुए अत्याचारों की तुलना गोरक्षा के नाम पर होने वाली हिंसा से की थी. उनका अधूरा बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके चलते वह ट्रोल्स के निशाने पर आ गई थीं.


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