Yash Career: इस एक्टर ने काफी स्ट्रगल के बाद सिनेमा जगत में सफलता की सीढ़ियां चढ़ी थी. अपनी मेहनत के दम पर इस अभिनेता ने फिर कुछ ऐसा किया जो कोई और कभी हासिल नहीं कर सका. अपनी दमदार एक्टिंग और अपने स्टारडम को मैनेज करने के शानदार तरीके की वजह से वे देश के बेस्ट एक्टर में शामिल हो चुके हैं.


दरअसल हम बात कर रहे हैं भारतीय सिनेमा के इकलौते रॉकी भाई यानी रॉकिंग स्टार यश की. अपने करियर की शुरुआत की में यश ने काफी संघर्ष किया. बहुत कम लोग जानते होंगे कि वे अपनी जेब में 300 रुपये लेकर अपने घर से सिनेमा जगत में करियर बनाने निकले थे.


रॉकिंग स्टार यश बचपन से एक्टर बनना चाहते थे
कर्नाटक के हासन के एक गांव में पैदा हुए यश का बचपन साधारण मध्यवर्गीय परिवार में बीता था. उनके पिता एक पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस ड्राइवर थे, जबकि उनकी मां एक हाउसवाइफ थीं. वहीं यश बपचन से ही एक्टर बनना चाहते थे और अपने इस सपने को पूरा करने के लिए वे पढ़ाई तक छोड़ देने के लिए तैयार थे. हालांकि, माता-पिता के कहने पर उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की.




माता पिता ने रख दी थी शर्त
वहीं यश के पैरेंट्स नहीं चाहते थे कि उनका बेटा सिनेमा में करियर बनाए. वे चाहते थे कि उन्हें सरकारी नौकरी मिले. लेकिन बाद में उन्होने यश को 16 साल की उम्र में अपने जुनून को पूरा करने की इजाजत दे दी. उस दौरान यश ने बेंगलुरु में सहायक निर्देशक के रूप में काम का फैसला किया था. वहीं पैरेंट्स ने एक्टर के सामने एक एक शर्त भी रखी कि अगर वह घर लौटे तो उन्हें दूसरा मौका नहीं दिया जाएगा.


डेली वेजेस पर किया काम
हालांकि जिस प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए यश बेंगलुरु आए थे वह दो दिनों के बाद कैंसिल हो गया था. उस समय एक्टर की जेब में सिर्फ 300 रुपये थे. यश ने हिम्मत नहीं हारी और बेंगलुरु में रहने का फैसला किया. इसी दौरान काम की तलाश में, वे नाटककार बी.वी. कारंत की नाटक मंडली में शामिल हो गए और डेली वेजेस पर बैकस्टेज वर्कर के तौर पर काम करने लगे.


हालांकि किस्मत बदलते भी देर नहीं लगी पहले वह एक बैकअप अभिनेता बने और फिर जल्द ही नाटक में लीड एक्टर बन गए. इसके बाद यश ने टेलीविजन की दुनिया में कदम रखा और सीरियल उत्तरायण में  काम किया. दिलचस्प बात ये है कि वे अपनी पत्नी राधिका पंडित से भी पहली बार अपने टेलीविजन वर्षों के दौरान नंदा गोकुला सीरीज के दौरान ही मिले थे.


 



यश का KGF तक का सफर
अब यश टेलीविजन पर एक जाना-माना चेहरा बन गए थे और अच्छा कमाने भी लगे थे.  इसके बाद  उनके माता-पिता भी उनके पास बेंगलुरु आ गए. हालांकि, उस समय तक अभिनेता को सिनेमा से भी ऑफर मिलने लगे थे, लेकिन स्क्रिप्ट पढ़ने की उनकी जिद ने उन्हें घमंडी करार दे दिया. इसके बावजूद, 2007 में, अभिनेता ने फिल्म ‘जंबाडा हुडुगी’ में सपोर्टिंग रोल निभाकर कन्नड़ सिनेमा में डेब्यू किया. इसके अलावा, उन्होंने मोगिना मनसु, मोडालासाला, लकी, गुगली और कई अन्य फिल्मों के साथ फेम हासिल कर लिया था. देखते ही देखते एक्टर फैंस के लिए ‘रॉकिंग स्टार यश बन गए.


फाइनली  2018 में, एक्टर ने फिल्म ‘केजीएफ: चैप्टर 1’ में राजा कृष्णप्पा भैया उर्फ ​​रॉकी के किरदार से कन्नड़ सिनेमा उद्योग का चेहरा ही बदल दिया. केजीएफ फिल्म सीरीज की सक्सेस ने यश को पैन इंडियन स्टार बना दिया है. वहीं केजीएफ: चैप्टर 1 और केजीएफ: चैप्टर 2 की सफलता ने एक्टर के फेम को खूब बढ़ाया है. वहीं अभिनेता ने इन फिल्मों से 200 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई भी की. इसमें उनकी फीस और उन्हें दिया गया प्रॉफिट का हिस्सा दोनों शामिल थे.




यश की अपकमिंग फिल्में
यश के पास कईं शानदार प्रोजेक्ट्स हैं. वे गीतू मोहनदास द्वारा निर्देशित फिल्म टॉक्सिक में मुख्य भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं. वे नितेश तिवारी की मोस्ट अवेटेड फिल्म रामायण में भी रणबीर कपूर और साईं पल्लवी के साथ नजर आ सकते हैं. खबरे हैं कि फिल्म में यश रावण का रोल प्ले कर सकते हैं.


 


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