सीबीआई जहां सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले की जांच शुरू कर चुकी है, वहीं महाराष्ट्र में इस मुद्दे पर सियासत अभी भी जारी है. हाउसिंग मंत्री जितेन्द्र अवहाद ने शुक्रवार को अनुमान लगाते हुए कहा कि बिहार डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे राज्य की नई सरकार में गृहमंत्री होंगे.
वरिष्ठ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता अवहाद ने ट्वीट कर कहा, "मान लेते हैं कि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री के रूप में फिर से वापसी करते हैं, बिहार के डीजीपी (पांडे) राज्य के निश्चित ही गृहमंत्री होंगे." यहां तक की सत्तारूढ़ शिवसेना ने भी पुलिस अधिकारी पर निशाना साधा और कहा कि 'सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उनके चेहरे पर असीम आनंद को देखा जा सकता था.'
शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा कि कैसे पांडे ने इस निर्णय को 'अन्याय के खिलाफ न्याय की जीत' बताया था और कहा कि 'आईपीएस अधिकारी पटना में 19 अगस्त को मीडिया के सामने केवल भाजपा का झंडा लहरा रहे थे.'
राउत ने कहा कि मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ साजिश की गई है. इसके साथ ही उन्होंने नीतीश कुमार पर भी फैसले के बाद प्रतिक्रिया के तरीके पर भी निशाना साधा और कहा कि उनकी प्रतिक्रिया एक 'चुनाव जीतने के भाषण' की तरह थी.
राउत ने कहा, "बिहार में, हत्या के कई मामलों को सीबीआई को सुपूर्द किया गया है-कितने वास्तविक आरोपी अबतक पकड़े गए हैं? जो लोग मुंबई पुलिस पर अंगुली उठा रहे थे, उन्हें एकबार सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को पढ़ना चाहिए. महाराष्ट्र के पास देश में सबसे अच्छी कानून व्यवस्था है और किसी को भी हमें इस बारे में शिक्षा नहीं देनी चाहिए."
राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने भी जोर देकर कहा कि सुशांत मामले की जांच नरेंद्र दाभोलकर की तरह नहीं होनी चाहिए.