नई दिल्ली: हिंदू देवी-देवताओं के बारे में अपमानजनक टिप्पणी कर धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोपी मुनव्वर फारूकी को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी के दौरान सही प्रक्रिया का पालन न होने के आधार पर उन्हें अंतरिम ज़मानत दी है. इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में दर्ज केस में जारी प्रोडक्शन वारंट पर भी फिलहाल रोक लगा दी है.


मध्य प्रदेश सरकार को भी नोटिस जारी


ज़मानत याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस भी जारी किया है. कॉमेडियन फारुकी पर आरोप है कि एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने धर्मिक भावनाओं का मजाक उड़ाया था. यह कार्यक्रम एमपी में इंदौर के कैफे मोनरो में एक जनवरी को रखा गया था.


एमपी की स्थानीय कोर्ट ने खारिज कर दी थी जमानत याचिका


कॉमेडियन फारुकी और और उसके चार साथियों को इंदौर पुलिस ने  दो फरवरी को गिरफ्तार किया था. बड़ी बात यह है कि इससे पहले मध्य प्रदेश की एक स्थानीय कोर्ट ने पांच जनवरी को मुनव्वर फारूकी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. फारुकी के खिलाफ बीजेपी मेयर मालिनी गौर के बेटे एकलव्य गौर ने शिकायत दर्ज कराई थी.  शिकायत में उन्होंने कहा था कि फारूकी ने नववर्ष पर इंदौर में एक कैफे में कॉमेडी शो के दौरान हिंदू देवी-देवताओं और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी.


चश्मदीदों ने बताया था कि एकलव्य अपने साथियों के साथ बतौर दर्शक इस कार्यक्रम में पहुंचे थे. उन्होंने कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों के विरोध में जमकर हंगामा किया और कार्यक्रम रुकवाने के बाद फारुकी समेत पांच लोगों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था.


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