आज ओटीटी प्लेटफॉर्म को लेकर हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस पर नियंत्रण जरुरी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि OTT प्लेटफॉर्म पर अश्लील सामग्री दिखाई जा रही है और उस पर नियंत्रण ज़रूरी है. सरकार अपने नए नियम को रिकॉर्ड पर रखे.


सुप्रीम कोर्ट ने ये बातें अमेज़न प्राइम कंटेंट हेड अपर्णा पुरोहित की याचिका पर सुनवाई के दौरान कहीं. इसकी सुनवाई कल के लिए टल गई है. अपर्णा पुरोहित ने वेब सीरीज़ तांडव के लिए लखनऊ में दर्ज FIR में गिरफ्तारी पर रोक मांगी है.


आपको बता दें कि अपर्णा पुरोहित को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली थी. उसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. अपर्णा पुरोहित द्वारा भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (ए) (1)(बी), 295-ए, 505 (1) (बी) 505 (2) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 और 67 व एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(1)(आर) के तहत अग्रिम जमानत की याचिका दायर की गई थी.


क्या है विवाद


कुछ समय पहले ही अमेजन प्राइम पर तांडव सीरिज रिलीज हुई. सीरिज के कुछ सीन पर विवाद हुआ. अपर्णा सहित अन्य छह सह-अभियुक्तों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई. इन पर आरोप लगाया गया कि उनकी सीरिज में आपत्तिजनक सामग्री है. यह फिल्म उत्तर प्रदेश पुलिस की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है. इसमें दो कलाकारों को शराब का सेवन करते और गालियां देते हुए डायल 100 पुलिस वाहन की सवारी करते हुए दिखाया गया है.



आरोप है कि इसमें सांप्रदायिक भावनाओं को उकसाने के इरादे से हिंदू देवी-देवताओं का चित्रण सही अंदाज में नहीं किया गया है. फिल्म में प्रधानमंत्री के पद को इस तरह से चित्रित किया गया है, जिससे देश की लोकतांत्रिक प्रणाली पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है और साथ ही जाति और समुदाय से संबंधित बातें भी जानबूझकर इस तरह से किए गए हैं, जिससे यह सार्वजनिक शांति को प्रभावित कर सके. इन सभी मुद्दों के चलते इस मूवी सीरीज के निर्माता/ निर्देशक, अभिनेता/अभिनेत्रियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.


OTT प्लेटफॉर्म के लिए सरकार की नई गाइडलाइन


इसी बीच केंद्र सरकार ने नेटफ्लिक्स-अमेजन प्राइम और MX प्लेयर जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया की निगरानी करने वाले नियमों को कड़ा कर दिया है. स्ट्रीमिंग कंपनियों को अब लगातार आ रहे आपत्तिजनक कंटेंट को शिकायत के बाद हटाना होगा. वहीं, फेसबुक-व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम और ट्विटर जैसी कंपनियों को कंटेंट की निगरानी के लिए शिकायत निपटान अधिकारी की नियुक्त करनी होगी और सरकार को जांच में सहयोग देना होगा. यहां पढे़ं- OTT-सोशल मीडिया के लिए जारी की गईं नई गाइडलाइन्स का आप पर क्या असर होगा


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