अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘झुंड’ के प्रदर्शन पर लगी रोक हटाने से सुप्रीम कोर्ट ने किया इनकार
अमिताभ बच्चन अभिनीत फिल्म झुंड की रिलीज खटाई में पड़ती नजर आ रही है. बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने भी फिल्म की रिलीज पर लगी रोक को हटाने से इनकार कर दिया. इसके साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने तेलंगाना हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील को भी पूरी तरह से खारिज कर दिया है. गौरतलब है कि एनजीओ स्लम सॉकर के जीवन पर आधारित फिल्म झुंड इसी महीने ओटीटी प्लेटफार्म पर रिलीज होने वाली थी.
सुप्रीम कोर्ट ने अमिताभ बच्चन अभिनीत फिल्म ‘झुण्ड’ के प्रदर्शन पर लगी रोक हटाने से बुधवार को इनकार कर दिया और तेलंगाना हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर अपील खारिज कर दी. उच्च न्यायालय ने कॉपीराइट विवाद को लेकर इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगा दी थी. प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने उच्च न्यायालय के 19 अक्टूबर के आदेश के खिलाफ सुपर कैसेट्स इंडस्ट्रीज (टी सीरीज) की अपील खारिज कर दी.
ओटीटी प्लेटफॉर्म पर भी फंसा पेंच
बता दें कि हाईकोर्ट ने इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने के निचली अदालत के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था. पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘विशेष अनुमति याचिकाएं खारिज की जा रही हैं. इसके परिणामस्वरूप इस मामले में लंबित आवेदन, यदि कोई हों, निस्तारित माना जाएं.’’ यह फिल्म गैर सरकारी संगठन स्लम सॉकर के संस्थापक विजय बर्से के जीवन पर आधारित है और इसे अमेजन प्राइम के ओटीटी प्लेटफॉर्म पर इसी महीने प्रदर्शित होना था. इससे पहले, फिल्म मई में रिलीज होने वाली थी लेकिन कोविड-19 महामारी की वजह से यह रिलीज नहीं हो सकी थी.
‘झुंड’ के मेकर्स पर कॉपीराइट उल्लंघन का आरोप
हैदराबाद स्थित लघु फिल्म निर्माता नंदी चिन्नी कुमार ने फिल्म निर्माताओं पर कॉपीराइट के कथित उल्लंघन का आरोप लगाया है. लेकिन दूसरे पक्ष ने इससे इनकार किया है. इस मामले की सुनवाई के दौरान पीठ ने टिप्पणी की कि यह एक दिलचस्प मामला है और वह निर्देश देगी कि इसकी सुनवाई छह महीने के अंदर पूरी की जाए. फिल्म निर्माता की ओर से पेश वकील ने कहा कि छह महीने में यह फिल्म बेकार हो जाएगी और वे इस व्यक्ति को पैसा देने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि संबंधित पक्षों के बीच 1.3 करोड़ रुपये की धनराशि पर सहमति हुई थी. वहीं कुमार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पी एस नरसिम्हा ने कहा कि निचली अदालत में लंबित इस मामले का छह महीने के भीतर निस्तारण करने का न्यायालय निर्देश दे सकता है.
गौरतलब है कि तेलंगाना की एक निचली अदालत ने 17 सितंबर को इस मामले की सुनवाई पूरी होने तक फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगा दी थी. निचली अदालत के फैसले को उच्च न्यायालय ने 19 अक्टूबर को बरकरार रखा था.
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