ड्रग्स मामले में रिया चक्रवर्ती को जमानत देने के आदेश के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार, 22 मार्च के लिए टाल दी है. कोर्ट ने कहा कि याचिका सही तरीके से दाखिल नहीं की गई है. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो उसमें सुधार करे. जजों को आपत्ति इस बात पर थी कि एनसीबी ने जमानत को सीधे चुनौती दिए बिना हाई कोर्ट की तरफ से कही गई दूसरी बातों को चुनौती दी है.


रिया चक्रवर्ती को बॉम्बे हाई कोर्ट ने सुशांत केस से जुड़े ड्रग्स मामले में नियमित जमानत दी थी. उस आदेश में हाई कोर्ट ने यह दर्ज किया था कि सिर्फ गांजा खरीदने के लिए किसी को पैसे देना और गांजा मिलने के बाद उसे जांच एजेंसी से छुपा लेना ड्रग्स का व्यापार करने की श्रेणी में नहीं आता है. इसलिए, रिया चक्रवर्ती पर एनडीपीएस एक्ट की धारा 27 ए का मामला नहीं बनता .


हाई कोर्ट ने रिया को जमानत देते वक्त एनसीबी की तरफ से दर्ज की गई मुकदमे पर कुछ और टिप्पणियां भी की थीं. आज ब्यूरो की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, "हम जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट जमानत को रद्द करने पर विचार नहीं करेगा. इसलिए, उसे चुनौती नहीं दे रहे. लेकिन हमारी समस्या हाई कोर्ट की तरफ से कही गई दूसरी बातों पर है. हाई कोर्ट ने आरोपी को जमानत देते वक्त जो तर्क दिए हैं, उनसे एनडीपीएस एक्ट से जुड़े सभी मुकदमों पर असर पड़ेगा."


तीन जजों की बेंच की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस एस ए बोबडे ने कहा, "हमें यह नया चलन समझ में नहीं आता. आप ने जमानत को चुनौती नहीं दी है, लेकिन जमानत देते समय कही गई दूसरी बातों को चुनौती दी है. क्या मुख्य आदेश को चुनौती दिए बिना सिर्फ आदेश में दर्ज की गई टिप्पणियों को हटाने की मांग की जा सकती है?" सॉलिसिटर जनरल कोर्ट के संकेत को समझते हुए कहा कि वह याचिका में सुधार करेंगे और उसे दोबारा दाखिल करेंगे. इस पर कोर्ट ने मामले को सोमवार को लगाने की बात कहते हुए सुनवाई टाल दी.


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